अजमेर। भारत सरकार द्वारा बैंकिंग उद्योग के निजीकरण और विदेशीकरण के प्रयासों के विरोध में गुरूवार को बैंककर्मियों ने एक दिन की हड़ताल रखकर कचहरी रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक के बाहर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। राजस्थान प्रदेश बैंक एम्पलॉईज यूनियन अजमेर इकाई के सचिव रवि कुमार वर्मा ने बताया कि पूर्व में अगस्त माह में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने बैंकिंग अधिनियम के संभावित संशोधन के विरोध में हड़ताल की थी, लेकिन सरकार संसद के मानसून सत्र में संशोधन के लिये कुछ नहीं कर पाई। बावजूद इसके शीतकालीन सत्र में सरकार ने बैंकिंग अधिनियम संशोधनों को दैनिक विषय सूची में शामिल किया, ताकि कभी भी बैंकिंग रेग्युलेशन संशोधन प्रस्ताव पारित कराया जा सके। सरकार ने इस बिल के संशोधन को पारित कराकर यह साबित कर दिया कि केन्द्र सरकार पूंजीपतियों और औद्योगिक घरानों के साथ खड़ी है। पीएनबी बैंक के बाहर यूनियन के नेताओं ने बैंककर्मियों को संबोधित करते हुए बताया कि भारत सरकार चाहती है कि बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट में संशोधन को पास कराकर सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों को आपस में विलय कर दिया जाये, ताकि इनकी पूंजी में बढ़ोत्तरी हो और प्रतिस्पद्र्धा खड़ी हो सके। इसके विपरित औद्योगिक घरानों को अपनी-अपनी बैंक खोलने की छूट दी जाये।