ग्रामीणों ने पुष्कर डिस्कोम का किया घेराव

पुष्कर। सर्द रातों में रात्री को बिजली दिये जाने से गुस्साए किसानों ने पुष्कर पावर हाउस को घेर लिया। सैकड़ों की तादाद में पुष्कर के किसानों ने डिस्कोम के अधिकारियों को ऑफिस में ही बन्द कर दिया। इतना ही नहीं पूरे पुष्कर क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति को ठप्प कर दिया गया। पूर्व नियोजित कार्यक्रमों के अनुसार किसान संघर्ष समिति के बेनर तले पुष्कर से सटे दर्जनों गांवों के किसान सुबह से ही पुष्कर डिस्कोम के दतर के आसपास इक_ा होना शुरू हो गये। किसान इस बात से खासा नाराज हैं कि उन्हें रात को थ्री फेस बिजली दी जाती है, जिससे कई किसान बीमार हो चुके हैं और कई मर चुके हैं। घटनास्थल पर किसानों के संख्या को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया। सीईओ अरुण माचा और सीआई गोपाल लाल पूरी स्थिति पर नजर बनाये हुये थे। किसानों ने दूरभाष के जरिये शिक्षा राज्य मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ, जिला कलेक्टर वैभव गालरिया सहित डिस्कोम के आला अधिकारियों को अपनी पीड़ा सुनाई और मौके पर आकर सुध लेने की मांग की।
जिला परिषद सदस्य राजेन्द्र सिंह रावत के अनुसार सरकार लगातार किसानों के साथ विश्वासघात कर रही है। जिसे कतई सहन नहीं किया जायेगा। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष मदन सिंह रावत ने बताया कि इस बार प्रशासन और सरकार के साथ आर पार की लड़ाई है। जब तक मांगें नहीं मानी जायेंगी तब तक किसान धरनास्थल नहीं छोडेंग़े।
पूरे दिन बिजली गुल होने से पुष्करवासीयों को भी खासी परेशानियों को सामना करना पड़ा। धरने में भगवानपुरा सरपंच रमेश सिंह रावत, पूर्व सरपंच हरेन्द्र शर्मा, उपजिला प्रमुख ताराचन्द रावत, समुन्द्र सिंह रावत, मोहन सिंह रावत, महेन्द्र सिंह मझेवला सहित सैकड़ों किसान मौजूद थे। डिस्कोम के आला अधिकारियों और सघ्ंार्ष समिति के बीच एक समझौता वार्ता हुई। इसके तहत 21 दिन के भीतर किसानों की मांगे मानने पर सहमति बन गई। इस सहमति और आश्वासन के बाद किसानों ने अपना धरना समाप्त कर दिया।
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