मोदी ने माफी क्यों मांगी? किससे मांगी?

गुजरात में लगातार तीसरी बार जीत के बाद नरेंद्र मोदी जोश की बजाय कुछ नम्र हो गए। उन्होंने जीतने के बाद आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि मुझसे कोई अनजाने में भी गलती हुई हो तो माफ कर दीजिएगा। मैंने गुजरात के 6 करोड़ जनता की सेवा करने की पूरी कोशिश की है। इसके बावजूद यदि भूल से मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफ कर दीजिएगा। मोदी की तरफ से माफी मांगने से लोग हैरान रह गए। वह भी तब जब उन्होंने गुजरात में धमाकेदार वापसी की है।
इतना ही नहीं चुनाव परिणाम आने के बाद वे केशुभाई पटेल से आशीर्वाद लेने गए। उनको इससे कोई फर्क नहीं पड़ा कि केशुभाई पटेल बीजेपी छोड़ अलग पार्टी बनाकर उनके खिलाफ चुनावी मैदान में थे। इस वाकये पर भी सभी को हैरानी थी।
ज्ञातव्य है कि मोदी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अब-तक के राजनीतिक जीवन में किसी से सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी है। यहां तक कि 2002 के गुजरात दंगों के बाद उन पर काफी दबाव था कि वह अल्पसंख्यकों से माफी मांग लें। मोदी इसे हमेशा खारिज करते रहे। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि यदि मेरी गलती है तो फांसी पर लटका दो लेकिन माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता है।
राजनीति के जानकार अब माथापच्ची कर रहे हैं कि कहीं मोदी अपनी उदार और विकासवादी छवि तो पेश करना नहीं चाह रहे। मोदी की इस माफी को 2002 के गुजरात दंगों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। वे अप्रत्यक्ष रूप से अल्पसंख्यकों को भी संदेश देना चाहते हैं कि हम आपको भी लेकर चल सकते हैं। इस बार नरेंद्र मोदी को गुजरात के मुस्लिम प्रभाव वाले इलाकों में कांग्रेस से ज्यादा सीटें मिली हैं। अर्थात मुस्लिमों ने भी मोदी की तरफ अपनी दिलचस्पी दिखाई है। मोदी ने इसी को ध्यान में रखकर अप्रत्यक्ष रूप से माफी मांगी है।

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