आनासागर खाली करने पर गहरा आक्रोश

अजमेर कांग्रेस के वरिष्ठ युवा नेता व मानव अधिकार परिषद के अध्यक्ष शैलेश गुप्ता ने ऐतिहासिक आनासागर झील का बिना सोचे समझे पानी खाली करने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे प्रशासन की अदूरदर्शिता पूर्ण नीति बताया है ।
कांग्रेस नेता शैलेश गुप्ता ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि प्रशासन ने बिना सोचे समझे आनासागर का पानी खाली करने का जो निर्णय लिया है वह बहुत ही गलत है इस पानी कम करने से इस जल में हजारों लाखों की संख्या में मछलियां मर रही है जिससे आसपास के क्षेत्र में भारी बदबू फैल रही है साथ ही ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन ने इस झील को खाली करके स्मार्ट सिटी के ठेकेदार को कार्य करने में मदद की है एवं भू माफियाओं को प्रोत्साहन दिया है कि वह आनासागर की जो जमीन खाली पड़ी है उस पर कब्जा कर ले ।
शैलेश गुप्ता ने आला अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अब तो सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की भी अब खुलेआम अवेलहना कर रहे हैं सर्वोच्च न्यायालय में 1995 में स्पष्ट शब्दों में एक फैसला अब्दुल रहमान बनाम सरकार के तहत दिया था जिसमें नदी ,नाले, झील, तालाब पर कोई निर्माण नहीं हो सकता परंतु अब तो स्मार्ट सिटी के नाम पर खुद प्रशासन आनासागर के अंदर खुलेआम निर्माण कर रहा है रोजाना हजारों टन मिट्टी डाल के इतनी बड़ी आनासागर झील को एक छोटी सी गंदे पानी की झील बना कर रख दिया है आज पानी का स्तर कम होने से पानी में ऑक्सीजन की मात्रा का स्तर गिर गया और लाखों मछलियां रोजाना मर रही है। आनासागर में लगा हुआ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बंद पड़ा है। झील संवर्धन परियोजना के तहत प्रतिमा हजारों रुपए इसके रखरखाव पर खर्च होते हैं उसका भी कोई कहने वाला नहीं है
गुप्ता ने कहा कि पूर्व में जब भी बरसात आती थी तब आना सागर का पानी कम किया जाता था परंतु अभी तो बारिश दूर-दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रही उससे पहले ही आना सागर को इतना खाली कर दिया है जिसकी जांच होनी चाहिए और ऐसे ए विवेकपूर्ण निर्णय लेने वाले अधिकारों खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। आनासागर में हो रहे अतिक्रमण को लेकर के अभी न्यायालय में जनहित याचिकाएं भी दायर हो चुकी है और हमारी ओर से भी जल्द ही एक और जनहित याचिका दायर की जाएगी

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