पेगेसस को लेकर आरोप लगाने वाली कांग्रेस खुद संसद में बहस कराने से भाग रही है

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 22 जुलाई। पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कहा है कि कांग्रेस ही पेगेसस को लेकर आरोप लगा रही है और कांग्रेस ही इस पर बहस कराने से भाग रही है। हकीकत तो यह है कि कांग्रेस ही नेताओं के फोन टेप कराती रही है, ऐसे आरोप खुद कांग्रेस विधायक लगा रहे हैं।
देवनानी ने गुरूवार को जारी बयान में कहा कि इजरायली सॉफ्टवेयर पेगेसस से भारतीय नेताओं और प्रमुख लोगों के मोबाइल फोन टेप किए जाने का मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार इसकी जांच और इस पर संसद में बहस कराने को तैयार है। कांग्रेस सरकार पर उल्टे मोबाइल फोन टेप कराने का आरोप तो लगा रही है, लेकिन जांच में सहयोग और संसद में बहस कराने को तैयार नहीं है।
देवनानी ने कहा कि पेगेसस के पास करीब 50 हजार मोबाइल नंबर हैं। केवल मोबाइल नंबर होने से यह साबित नहीं हो जाता है कि उसने फोन टेप किए हों, क्योंकि कोई भी देशी-विदेशी कंपनी केंद्र सरकार की अनुमति के बिना फोन टेप नहीं कर सकती है। केंद्र सरकार स्पष्ट रूप से कह चुकी है कि उसने किसी भी कंपनी को फोन टेप करने की अनुमति नहीं दी है, तो सवाल यह उठता है कि आखिर कांग्रेस किस आधार पर इस मुद्दे को उठा रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा फोन टेप कराना कोई नई बात नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी अपने कार्यकाल के दौरान ना जाने कितनी बार कितने ही नेताओं और प्रमुख लोगों के फोन टेप करवाए थे। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी विरोधी नेताओं के फोन टेप कराते रहे हैं। यह आरोप भी किसी भाजपा नेता ने नहीं लगाए हैं, बल्कि खुद कांग्रेस के विधायक ही गहलोत पर लगा रहे हैं। देवनानी ने कहा कि यदि निष्पक्ष जांच और संसद में बहस होती है, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। लेकिन इससे कांग्रेस को अपने चेहरे से नकाब हटने का डर सताया हुआ है।
देवनानी ने कहा कि कांग्रेसियों ने राज्य में अपनी सरकार की नाकामियों को छिपाने के लिए राजभवन में प्रदर्शन किया, बल्कि निष्पक्ष भूमिका निभाने वाले राज्यपाल कलराज मिश्र के बारे में भी अनर्गल वाक्यों का प्रयोग किया। कांग्रेसियों ने तो राज्यपाल को भाजपा का एजेंट बताकर अपनी सारी मर्यादाएं लांघ दीं, लेकिन कांग्रेस के आला नेता और मुख्यमंत्री इस पर कुछ नहीं बोले। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पद हमेशा मर्यादा का होता है। जिस तरह कांग्रेसियों ने भाषा का उपयोग किया, उससे संवैधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंची है और इसे तार-तार कर दिया है, जिसे लोकतंत्र में सही बिल्कुल नहीं मानी जा सकती है। उन्होंने प्रदर्शन में कांग्रेसियों द्वारा राज्यपाल के लिए इस तरह के लगाए गए नारों की कड़ी आलोचना की है।
देवनानी ने कहा कि हमेशा आरएसएस को कोसते रहने वाले शिक्षा राज्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा पहले आरएएस भर्ती-2018 में अपने परिवार वालों को चयनित कराने के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग से सिफारिश करने संबंधी लग रहे आरोपों पर स्पष्टीकरण दें। उन्होंने डोटासरा को सलाह दी है कि वे बात-बात में आरएसएस को कोसने की बजाय सरकार के कामकाज में सुधार पर ध्यान दें, ताकि जनता को सही मायने में शासन का लाभ मिल सके।

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