अधकचरा ज्ञान अहितकारी-देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 10 अगस्त।
वीर सावरकर द्वारा हिंदुत्व और हिंदु राष्ट्र का समर्थन करने वाली बात को लेकर दिए शिक्षा मंत्री एवं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के बयान पर भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। देवनानी ने कहा कि अधकचरा ज्ञान अहितकारी होता है। वीर सावरकर का हिंदुत्व और हिंदू राष्ट्र की कल्पना राष्ट्रविरोधियों के वंशजों की संकुचित सोच से बाहर का मामला है। सत्ता की लालसा के चलते अंग्रेजों के तलवे चाटने वाली कांग्रेस के नेताओं से इससे ज्यादा और कुछ उम्मीद भी नहीं की जा सकती है। देवनानी ने कहा कि बयान देने से पहले शिक्षा मंत्री गोविंदसिंह डोटासरा उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई हिन्दुत्व संबंधित परिभाषा ही पढ लेते तो ऐसा नहीं बोलते। न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि हिन्दू, हिन्दुत्व, हिन्दुइज्म को संक्षिप्त अर्थों में परिभाषित कर किन्हीं मजहबी संकीर्ण सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता है। इसे भारतीय संस्कृति और परंपरा से अलग नहीं किया जा सकता। न्यायालय की परिभाषा यह दर्शाती है कि हिन्दुत्व शब्द इस उपमहाद्वीप के लोगों की जीवन पद्धति से संबंधित है। इसे कट्टरपंथी मजहबी संकीर्णता के समान नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि सावरकर का हिन्दुत्व एवं हिंदू राष्ट्र सबके लिए था। वो पाकिस्तान की तरह जेहादी और सउदी अरब की तरह वहाबी नहीं था। हिन्दू राष्ट्र का विचार राष्ट्रभक्त तैयार करता है जबकि मुस्लिम राष्ट्र में आतंकवादी तैयार होते है। यह बात शायद कांग्रेसी नेताओं को या तो समझ में नहीं आती या फिर वे राजनीति की रोठियां सेंकने के चलते इसको देखते हुए भी नासमझ बने हुए है। न्यायलय द्वारा हिन्दुत्व को परिभाषित करने के बाद भी अधकचरा ज्ञान के चलते कांग्रेसी नेता अपने स्वार्थों के चलते हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र के विचार को जनता के सामने गलत तरह से परोसने रहे है जिसका खमियाजा उन्हें भुगतना भी पड रहा है।
उन्होंने कहा कि सावरकर जैसी वीरता इन राष्ट्रविरोधियों के वंशज सोच भी नहीं सकते। सावरकर ही ही थे जिन्होंने जेल से रिहाई के बाद अंग्रेजों को एक के बाद कई प्रकार से चोटें दी। हिंदुओं में जाति-पाति को तोडने के लिए रत्नागिरी में पहला पतित पावन मंदिर की स्थापना की, जहां एक सफाईकर्मी के मुख से गायत्री मंत्र के उच्चारण के साथ गणेश जी पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। कम्युनिस्ट देशवासियों को बांटते रहे और वीर सावरकर उन्हें जोडते रहे। शर्म की बात तो यह रही कि कि जिस वीरता के चलते खुद इंदिरा गांधी जी ने डाक टिकट जारी कर इस महान वीर सावरकर जी का सम्मान किया जबकि आज कांग्रेसी नेता अनर्गल बयान देकर वीर सावरकरजी का अपमान कर रहे हैं।
देवनानी ने यह भी कहा कि कांग्रेसी हमेशा से ही महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के गौरवमयी इतिहास के सूरज को झुठलाते आए है लेकिन सत्य सत्य होता है एक दिन स्वीकार करना ही होता है। देश की आजादी में सावरकर की भूमिका थी और आजादी से पहले हिन्दू राष्ट्र की मांग भी जायज थी यह बात बयान कर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने यह साबित कर ही दिया।

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