फर्जी रजिस्ट्री के अग्रिम बेचान पर कोर्ट ने लगाई रोक

केकड़ी 17 अगस्त(पवन राठी)अपर जिला एवम सत्र न्यायाधीश संख्या एक केकड़ी ने फर्जी रजिस्ट्री के आरोप में शिव प्रसाद पुत्र श्रीधर शर्मा निवासी आकोडिया तहसील अराई हाल निवासी जयपुर द्वारा प्रस्तुत दीवानी वाद में फर्जी रजिस्ट्री के अग्रिम बेचान पर रोक लगाने के आदेश पारित किए।
प्रकरण के तथ्य इस प्रकार से है शिव प्रसाद को 18 मार्च2021 को तहसील भिनाय से नकल लेने पर ज्ञात हुवा की किसी अन्य व्यक्ति को शिव प्रसाद बनाकर एक शून्य व प्रभावहीन विक्रय पत्र उप पंजीयक भिनाय के यंहा लादूसिंह रावत के पक्ष में संपादित करवाया है।उक्त फर्जी विक्रय पत्र भिनाय तहसील में पुस्तक संख्या 1 जिल्द संख्या 55 के पृष्ठ संख्या 41 के क्रम संख्या 202103343100282 पर दर्ज है।
शिव प्रसाद द्वारा उक्त फर्जी तरीके से भिनाय तहसील में सम्पादित विक्रय पत्र के विरुद्ध भिनाय पुलिस थाने में FIR संख्या 92 दिनांक 13 जुलाई2021 को दर्ज करवाई।इसके साथ ही उसी दिन जिला कलेक्टर अजमेर को सूचना देकर उक्त फर्जी विक्रय पत्र के आधार पर नामांतरण नही खोलने का निवेदन किया गया।जिला पुलिस अधीक्षक अजमेर को भी भिनाय पुलिस थाने में दर्ज FIR संख्या 92/2021 का अनुसंधान अन्य थाने को ट्रांसफर करने का निवेदन किया गया।
शिव प्रसाद ने अपर जिला एवम सत्र न्यायाधीश संख्या एक केकड़ी के यंहा वाद प्रस्तुत करके स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की गई थी। वाद में लादूसिंह रावत सहित फर्जी रजिस्ट्री के गवाहों शांतिलाल गोपाल सिंह उप पंजीयक भिनाय व जिला कलेक्टर अजमेर को प्रतिवादी बनाया गया। शिव प्रसाद के अधिवक्तता मनोज आहूजा ने तर्क प्रस्तुत किये की फर्जी रजिस्ट्री का आरोपियों द्वारा आगे भी बेचान किया जा सकता है जिससे अनावश्यक रूप से न्यायिक प्रक्रियाएं बढ़ेगी और अपराध का भी विस्तार होगा अतः उक्त फर्जी रजिस्ट्री के अग्रिम बेचान पर रोक लगाना न्याय हित मे आवश्यक है।विद्वान न्यायाधीश ने वादी के अधिवक्तता के तर्कों से सहमत होते हुए फर्जी रजिस्ट्री के अग्रिम बेचान पर रोक लगाने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा के आदेश पारित किए।

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