बेरोजगारों से वसूली राशि से सरकार लूट रही है वाहवाही

अजमेर। अजमेर उत्तर विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी ने बोर्ड द्वारा विद्यार्थियों व बेरोजगार शिक्षकों से परीक्षा शुल्क के नाम पर वसूली गयी राशि को खर्च कर बनवाये गये एकेडेमिक स्टॉफ ट्रेनिंग कॉलेज व अध्यापक पात्रता परीक्षा कार्यालय आदि भवनों का उद्घाटन रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किये जाने पर इसे झूठी वाहवाही लूटने वाला कदम बताया। देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार ने भले ही बजट में इनकी घोषणाऐं की थी परन्तु इनके निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा एक पैसा भी नहीं दिया गया लगभग 15 करोड़ की राशि जो इनके निर्माण पर खर्च हुई है वो पूरी राशि बोर्ड द्वारा खर्च की गयी है।
देवनानी ने कहा कि बोर्ड द्वारा आयोजित गत आरटेट परीक्षाओं के शुल्क के रूप में बेरोजगार शिक्षकों से वसूली गयी राशि में से आरटेट परीक्षा के सम्पूर्ण आयोजन के पश्चात् भी बोर्ड के पास 17 करोड़ की राशि बची थी तथा लगभग 4-5 करोड़ की राशि निजी स्कूलों को मान्यता के नाम पर अधिक वसूली की गयी। बोर्ड द्वारा इसी राशि से भवन निर्माण करवाकर सरकार को वाहवाही लूटने का मौका दिया गया है। देवनानी ने सरकार पर बेरोजगारों का शोषण किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बोर्ड के भवन निर्माण हेतु राशि तो राज्य सरकार द्वारा भी दी जा सकती थी फिर बेरोजगारों से अधिक शुल्क की वसूली क्यों की गयी।
सीएम की चापलूसी-
देवनानी ने बोर्ड अध्यक्ष सुभाष गर्ग पर भ्रष्टाचार व अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए उनके तीन वर्ष के कार्यकाल की जांच कराये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अपने कारनामों को छुपाने के लिए ही बोर्ड अध्यक्ष मुख्यमंत्री की चापलूसी करने में लगे है तथा विद्यार्थियों व बेरोजगारों से वसूली गयी राशि में से 1 करोड़ की राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने जा रहे है।
तुगलकी निर्णय – देवनानी ने बोर्ड अध्यक्ष पर बोर्ड पाठ्यक्रम को लेकर बार-बार तुगलकी निर्णय किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में बोर्ड द्वारा अपने स्तर पर छपवायी जा रही पुस्तकों के स्थान पर एनसीईआरटी का हूबहू पाठ्यक्रम लागू किया गया तथा अब पुनः बोर्ड स्तर पर नया पाठ्यक्रम लागू किये जाने की व्यवस्था की जा रही है। इससे प्रतीत होता है कि वर्तमान बोर्ड अध्यक्ष एवं सरकार प्रदेश की शिक्षण व्यवस्था के प्रति गंभीर नहीं है।

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