नगरपालिका में कांग्रेस पार्षदों की गुटबाजी चरम पर

केकड़ी 13 सितंबर(पवन राठी)
केकड़ी नगर पालिका में कांग्रेस पार्षदों की गुटबाजी बढ़ती ही जा रही है। हद तो तब हो गई जब कांग्रेस के पार्षद कल रविवार शाम को चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा के समक्ष आपस में भिड़ पड़े, नोबत गाली गलौच व एक दूसरे को देख लेने तक जा पहुंची। पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस पार्षदों में कई बार आपस में टकराव की स्थिति बन रही थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस पार्षदों की आपसी गुटबाजी की शिकायत मिलने पर चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कल शाम अपने निवास पर पार्षदों की बैठक बुलाई जिसमें दो निर्दलीय पार्षदों सहित कांग्रेस के सभी पार्षद मौजूद थे। बैठक की शुरुआत में चिकित्सा मंत्री डॉ शर्मा के निजी सचिव राजेन्द्र भट्ट ने कहा कि केकड़ी नगरपालिका बोर्ड में कांग्रेस पार्षदों के बीच चल रही गुटबाजी पार्टी हित में नहीं है और न ही बोर्ड हित में है। पार्षदों की गुटबाजी के चलते विपक्ष को मुद्दा मिल रहा है वहीं पार्टी की छवि खराब हो रही है। इसी दौरान बैठक में मौजूद ब्लॉक अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह शक्तावत ने कहा कि केकड़ी नगरपालिका में कांग्रेस का बोर्ड बना है तो वह चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा के प्रभाव व क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की बदौलत बना है किसी और वजह से नहीं। अगर फिर भी किसी पार्षद को यह गुमान हो कि वह स्वंय अपने बलबूते चुनाव जीतकर आया है तो उसे यह गलतफहमी अपने दिमाग से निकाल देनी चाहिए। इसी दौरान निजी सचिव भट्ट ने पार्षदों से अपने विचार रखने के लिए आमंत्रित किया जिस पर अनुसूचित जाति के एक पार्षद ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पालिकाध्यक्ष अपनी मनमानी कर रहे हैं, जिसके चलते उन्होंने सभी वार्डों में मिलीभगत से सड़क व नाली निर्माण कार्य का ठेका बाहर के एक ही ठेकेदार को दे दिया है जो अपनी मनमर्जी से काम करते हुए घटिया निर्माण कार्य कर रहा है तथा 6 इंच के स्थान पर तीन इंच मोटी सड़क बना रहा है। पार्षद ने कहा कि इस ठेकेदार ने 40 प्रतिशत बिलो रेट पर सड़क, नाली निर्माण का ठेका लिया है जो निर्माण कार्य में गुणवत्ता का जरा भी ख्याल नहीं रख रहा। इस पर चिकित्सा मंत्री डॉ शर्मा ने पालिकाध्यक्ष को निर्देशित किया कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए, अगर कोई ठेकेदार गुणवत्ता का ख्याल रखे बिना कार्य कर रहा है तो उसका भुगतान रोक देना चाहिए। इसी बीच अल्पसंख्यक समुदाय के एक पार्षद ने अपने विचार रखते हुए नगरपालिका बोर्ड में कमेटियों के गठन का मामला उठाया। पार्षद ने बताया कि बोर्ड गठन के 90 दिनों के दरम्यान कमेटियों का गठन हो जाना चाहिए जो अब तक नहीं किया गया है। इस पर चिकित्सा मंत्री ने पालिकाध्यक्ष कमलेश साहू से कहा कि योग्य पार्षदों का चयन कर कमेटियों का शीघ्र गठन करें। बैठक में यहां तक सब कुछ शांतिपूर्वक चल रहा था कि तभी अल्पसंख्यक समुदाय की एक पार्षद के पति ने चिकित्सा मंत्री को शिकायत की कि वह अपनी भूमि पर निर्माण कर रहा है लेकिन हमारे ही कुछ पार्षद अड़चन पैदा कर काम नहीं करने दे रहे और बेवजह शिकायतबाजी कर रहे हैं। तभी अल्पसंख्यक समुदाय के पार्षद व अनुसूचित जाति के पार्षद ने चिकित्सा मंत्री को बताया कि उक्त पार्षद पति भट्टे पर सरकारी भूमि पर नाजायज कब्जा कर निर्माण कर रहा है, जब पार्षद ही सरकारी जमीनों पर कब्जा करने लगेंगे तो आमजन को कैसे रोक पाएंगे। दोनों पार्षदों ने बताया कि यह वही भूमि है जिसपर चिकित्सा मंत्री डॉ शर्मा की अनुशंसा पर जन कल्याण हेतु सामुदायिक भवन के लिए भूमि आवंटित की गई है। जिस पर कुछ हिस्से में नगर पालिका ने मिट्टी भराव का टेंडर भी जारी किया है। इस बात पर पार्षद पति आवेश में आ गया और मंत्री जी के सामने ही शिकायत करने वाले पार्षदों से उलझ पड़ा और गाली गलौच करने लगा, जिसपर शिकायत करने वाले पार्षद भी आवेश में आ गए और यहां से शुरू हुआ झगड़ा व गाली गलौच का सिलसिला। इसी बीच पार्षद पति के पक्ष में एक अल्पसंख्यक समुदाय का पार्षद भी झगड़े में कूद पड़ा। देखते ही देखते झगड़ा बढ़ने लगा। मंत्री जी के सामने पार्षद गाली गलौच कर एक-दूसरे को देख लेने की धमकी देने लगे। माहौल गर्माते देख चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा नाराजगी जाहिर करते हुए जयपुर के लिए रवाना हो गए। जाते-जाते वे ब्लॉक अध्यक्ष शक्तावत व निजी सचिव भट्ट को पार्षदों के खिलाफ कार्यवाही करने की कह गए। उन्होंने एक पार्षद को कांग्रेस से निकालने तक कि चेतावनी दे डाली। कुल मिलाकर कांग्रेस पार्षदों में गुटबाजी चरम सीमा पर है, दोनों गुट अपनी बात मनवाने में लगे हैं वहीं कुछ पार्षद अपना हित साधने में लगे हैं।

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