भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि रीट परीक्षा में प्रदेश के लाखों युवाओं के स्वप्नों के साथ कुठाराघात हुआ है। रीट परीक्षा में जमकर धांधली हुई। आधा दर्जन सरकारी नुमाइंदों तथा एक दर्जन से अधिक शिक्षा विभाग से जुडे. कर्मचारियों को निलंबित करना ‘दाल में काला’ होने के ही संकेत है।
देवनानी ने कहा कि सरकार ईमानदारी से रीट परीक्षा सम्पन्न कराने का हो-हल्ला कर झूठी वाहवाही लूटने का अनावश्यक प्रयास कर रही है। वह पेपर आउट नहीं होने की बात योजनाबद्ध तरीके से प्रचारित कर रही है। सरकार एक तरफ पेपर आउट नहीं होने का राग अलाप रही है और दूसरी ओर डीईओ, एसडीएम, दो डिप्टी एसपी, जूनियर एकाउंटेंट के साथ शिक्षा विभाग के 12 से अधिक कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर रही है। सरकार की ओर से ऐसा करना कहीं न कहीं पूरी दाल ही काली होने की ओर संकेत करता है जिसे सरकार बडी चतुराई से जनता से छूपा रही है।
देवनानी ने कहा कि युवाओं ने सालों से स्वप्न संजो रखे थे कि वे अपनी मेहनत के दम पर रीट परीक्षा में सफल होंगे। सरकार से आशा थी कि वह पूर्ण पारदर्शीता से रीट परीक्षा को अंजाम देंगी लेकिन इसके विपरीत ही हुआ। परीक्षा के दिन 26 सितम्बर को प्रातः 8ः35 बजे ही आनसर-की के साथ पेपर बाहर आना सरकार की व्यवस्थाओं की पोल खोलता है। सरकार अपनी आपसी लडाई में उलझी हुई है। सत्ता संघर्ष का खमियाजा राज्य के नौजवानों को भुगतना पड रहा है। युवाओं के साथ न्याय होना चाहिए। देवनानी ने रीट परीक्षा में हुई अनियमता की न्यायिक जांच कराने की मांग की।