कांग्रेसियों ने जिला प्रशासन पर मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप काम नहीं करने का लगाया आरोप

अजमेर ! पूर्व विधायक डॉ राजकुमार जयपाल अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान उपाध्यक्ष कुलदीप कपूर फकरे मोॆइन महासचिव शिव कुमार बंसल महेश चौहान ने प्रशासन शहरों के संग अभियान में जिला प्रशासन पर मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप कार्य नहीं करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेसियों ने प्रेस वक्तव्य जारी कर बताया कि राजस्थान सरकार के वर्ष 2021-22 की बजट घोषणा पत्र में आमजन की कठिनाइयों का निवारण के लिए राजस्थान सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के क्रम में शहरी क्षेत्र की समस्याओं के निस्तारण के लिए मैं आने वाले व्यवधान एवं अवरोधों को दूर करते हुए प्रक्रिया के सरलीकरण एवं त्वरित समाधान हेतु राजस्थान के सभी नागरिक क्षेत्रों में प्रशासन शहरों के संग अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें प्रशासन शहरों के संग अभियान में राजस्थान सरकार द्वारा पट्टे जारी करना योजना भूमि, सोसायटी ,खातेदारी योजनाओं , 69 ए, कच्ची बस्ती स्टेट ग्रांट में पट्टे जारी करना भवन निर्माण स्वीकृति भू रूपांतरण 90 ए की कार्रवाही, नाम हस्तांतरण ,विभाजन पुनर्गठन लीज राशि जमा कराना फ्री ओल्ड पट्टे जारी करना जाति मूल निवास हैसियत प्रमाण पत्र जारी करना जन्म मृत्यु विवाह प्रमाण पत्र जारी करना इंदिरा क्रेडिट कार्ड स्वरोजगार हेतु ऋण आवेदन समस्त प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं की स्वीकृतिया, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना पालनहार योजना सुखद दांपत्य योजना में स्वीकृति मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना लाभार्थियों के योजना से जोड़ना 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की जांच करना आदि कार्य शामिल किए गए थे।

कांग्रेसियों ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहते हैं कि प्रशासन शहरों-गांवों के संग अभियान में अधिक से अधिक लोगों को राहत मिले। भूखंड के नियमन में आने वाली बाधाओं को भी हटाया गया है। सीएम गहलोत की मंशा के अनुरूप ही पिछले दिनों जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने एक आदेश जारी किया। इस आदेश में धारा 177 का उल्लेख करते हुए कलेक्टरने कहा कि खातेदारी की कृषि भूमि पर बने मकानों का नियमन कर दिया जाए। कलेक्टर का यह आदेश अजमेर विकास प्राधिकरण और नगर निगम दोनों पर लागू होता है। लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन शहरों के संग अभियान के शिविरों में पट्टे जारी नहीं हो रहे हैं। असल में नगर निगम के 80 वार्डों में परकोटे के बाहर ऐसे अनेक वार्ड है, जिनकी भूमि पर एडीए ने अपनी योजना घोषित कर रखी है। योजना क्षेत्र की भूमि पर नियमन की रोक स्वयं सरकार ने लगा रखी है, लेकिन जिन खसरों की भूमि अवाप्त नहीं हुई है, उनके पट्टे भी जारी नहीं हो रहे हैं। राजस्व रिकॉर्ड में भूमि के खसरों का निर्धारण भी नहीं हो रहा है। यह पता ही नहीं चल रहा है कि संबंधित कॉलोनियों में पट्टे कौन जारी करेगा? परेशान लोग एडीए और नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं। गंभीर बात तो यह है कि नगर निगम और एडीए के शिविर भी अलग अलग लग रहे हैं। परेशान लोग एडीए के शिविर में जाते हैं तो उन्हें निगम के शिविर में जाने के लिए कहा जाता है। निगम के शिविरों में लोगों को एडीए के शिविर में भगा दिया जाता है। प्रशासन को कम से कम एक निकाय तो तय करना ही चाहिए। वार्ड संख्या 4 मोती विहार कॉलोनी सहित कई कॉलोनी पर दोनों ही निकायों का दावा है, लेकिन मकानों के पट्टे जारी नहीं हो रहे हैं। लोगों के पास 1992 से पहले के सभी दस्तावेज मौजूद हैं। लेकिन फिर भी नियमन नहीं हो रहा है। प्रशासन को पहले खसरों को चिन्हित करना चाहिए।

कांग्रेसियों ने बताया कि शहरी सीमा से लगी अजयसर, माकड़वाली, हाथीखेड़ा आदि ग्राम पंचायतें आबादी भूमि पर बने मकानों के तो पट्टे जारी कर रही है, लेकिन कृषि भूमि पर बने मकानों के पट्टे जारी नहीं हो रहे हैं। इस विसंगति को भी दूर किया जाना चाहिए। चूंकि खसरों को लेकर निगम और एडीए में विवाद है, इसका खामियाजा भी गरीबों को उठाना पड़ रहा है। निगम 501 रुपए में पट्टा दे रहा है तो एडीए का शुल्क 200 रुपए प्रति वर्ग गज पड रहा है। सवाल उठता है कि एक ही क्षेत्र में नियमन के शुल्क अलग अलग क्यों हैं? खातेदारी की भूमि पर 100 वर्ष पुराने मकानों के भी पट्टे जारी नहीं हो रहे हैं। जोनल प्लान पीटी सर्वे नहीं होने से सरकार की मंशा के अनुरूप लोगों को राहत नहीं मिल रही है।

कांग्रेसियों ने बताया कि राजस्थान के लोकप्रिय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कार्यों के शीघ्र निस्तारण के लिए निकाय स्तर पर एंपावर्ड कमेटी के गठन कर शक्तियों का प्रत्यायोजन करने का भी प्रभाव प्रावधान किया है परंतु जिला प्रशासन ने अभी तक कोई भी एंपावर्ड कमेटी का गठन नहीं किया !

उन्होंने बताया कि प्रशासन शहरों के संग कार्यक्रम के तहत अभियान के तहत आमजन को राहत पहुंचाने के लिए जोनल प्लान और पीटी सर्विस सर्वे की पुख्ता व्यवस्था करने की के निर्देश जारी किए हैं परंतु अभियान को प्रारंभ हुए 50 दिन से ज्यादा हो गए हैं परंतु अभी तक किसी भी जोनल प्लान में पट्टे जारी नहीं किए गए है।

उन्होंने प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत अजमेर विकास प्राधिकरण मैं लैंड फॉर लैंड की मीटिंग बुलाकर खातेदारों एवं काश्तकारों को मुआवजा एवं जमीन आवंटित कर राहत प्रदान करने का भी आग्रह किया है। कांग्रेसियों ने बताया कि अजमेर विकास प्राधिकरण में 2017 के बाद लैंड फॉर लैंड की बैठक का आयोजन नहीं हुआ है !

कांग्रेसियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रभारी मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को पत्र लिखकर प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत अजमेर विकास प्राधिकरण में नियमन हेतु लंबित हजारों फाइलों त्वरित गति से निपटारा कर समाज के अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को लाभान्वित करने की मांग की है !

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