समाज विशेष योग्यजन विद्यार्थियों को हौसला दें-शर्मा

शिक्षा मंत्री शर्मा विशेष योग्यजन विद्यार्थी को गागनदास गोकलानी पुरस्कार से सम्मानित करते हुए।

अजमेर। शिक्षा मंत्री श्री बृजकिशोर शर्मा ने समाज से आव्हान किया कि वे विशेष योग्यजन विद्यार्थियों को हौसला दें, सहयोग करें, जिससे कि उनको मालूम हो कि सभी उनके साथ हैं और उनमें छिपी विशेष योग्य प्रतिभा उभर कर सामने आए और वे राष्ट्र की मुख्य धारा से जुड़ सकें। शिक्षा मंत्री आज जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कॉलेज के मेलॉडी हॉल में श्रीमती किशनी बाई वसन्दानी फाउण्डेशन की ओर से विशेष योग्यजन विद्यार्थियों के लिए आयोजित गागनदास गोकलानी पुरस्कार समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
श्री शर्मा ने विशेष योग्यजन सेवा में प्रशंसनीय कार्य करने के लिए के.वी.फाउन्डेशन के प्रति सरकार की ओर से आभार व्यक्त किया और ऐसे प्रेरणा दायक कार्यों को और आगे बढ़ाने को कहा। शिक्षा मंत्री श्री बृज किशोर शर्मा एवं राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती दीपक कालरा ने समारोह में हेप्पी डेज सैकण्डरी स्कूल भीलवाड़ा के योग्यजन विद्यार्थी अखिल काखानी को 83 प्रतिशत, आर्यनगर एन.के. पब्लिक स्कूल जयपुर के सुनील चौधरी को 95 प्रतिशत, महर्षि गौतम विद्यालय बूंदी की नेहा कुमारी को 75 प्रतिशत, राजकीय माध्यमिक विद्यालय सीकर के योगेश शर्मा को 81 प्रतिशत, के.के. पब्लिक स्कूल को वल्लभनगर कोटा की शिखा यादव को 68 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के लिए 10-10 हजार रूपये तथा कुमारी नीलम को 89 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के लिए 5 हजार रूपये का चैक, मेड़ता सिटी के धर्माराम, सांगानेर जयपुर रिया इन्टरनेशनल अकादमी सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के पंकज सैनी को 81 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के लिए सभी विद्यार्थियों को सिल्वर मेडल, सम्मान चिन्ह, ट्राफी व प्रमाण पत्र प्रदान कर गागनदास गोकलानी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती दीपक कालरा सम्मानित करते हुए।

शिक्षा मंत्री ने समारोह में मदर टेरेसा आवार्ड से सम्मानित राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती दीपक कालरा, जितेन्द्र नाथ भार्गव, अकबर खां, नासीर मोहम्मद मदानी और कल्याण सिंह को निशक्तजन सेवा में प्रशंसनीय कार्य करने के लिए प्राईड ऑफ राजस्थान की उपाधि से सम्मानित किया। श्री कल्याण सिंह को दो निशक्त बच्चियों को पढ़ाकर उन्हें पैरों पर खड़ा करने की जिम्मेदारी निभाने के लिए अभिभावक सम्मान पुरस्कार दिया गया। पूज्य सिंधी पंचशील पंचायत की ओर से देह व नेत्रदान का संकल्प व्यक्त करने वाले वृद्घजनों को मुख्य अतिथि ने शॉल ओढ़ाकर श्रद्घा व्यक्त की।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए नगर सुधार न्यास के अध्यक्ष श्री नरेन शाहनी भगत ने मानव सेवा को सबसे बड़ी सेवा बताया और मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की सरकार द्वारा विशेष योग्यजन के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रमों में फाउन्डेशन द्वारा दिये जा रहे सहयोग के प्रति हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने फाउन्डेशन के सेवा कार्यों को प्रशंसनीय बताया।

पुरस्कार हासिल करने वाली प्रतिभाओं का समूह चित्र

जवाहरलाल नेहरू मेडीकल कॉलेज के आचार्य डॉ. पी.के. सारस्वत ने फाउन्डेशन द्वारा ईसा मसीह के जन्म दिवस पर विशेष योग्यजन विद्यार्थियों के लिए पुरस्कार समारोह के आयोजन को प्रेरणा देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि मेडीकल कॉलेज में भी 12 विद्यार्थी विशेष योग्यजन की श्रेणी में है, जिनकी बौद्घिक क्षमता आम मेडीकल विद्यार्थी से अच्छी है। उन्होंने बताया कि देश में 2.91 करोड़ निशक्तजन हंै, जिनमें 75 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र से है । 34 प्रतिशत निशक्तजन स्वावलम्बी हंै और 50 प्रतिशत निशक्तजन शिक्षित हैं। इस दिशा में अभी और बहुत कुछ करना बाकी है। अभिभावकों, पड़ौसियों, शिक्षकों,अनुसंधानवेत्ताओं का कर्तव्य है कि वे ऐसे प्रतिभावान निशक्त विशेष योग्यजन विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़ें। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान अब इतना सक्षम हो गया कि कोई व्यक्ति अंग से निशक्त हो सकता है लेकिन कार्य से निशक्त नहीं होगा। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सभी का सहयोग चाहिए।
के.वी.फाउन्डेशन के श्री चन्द्र बसदांणी ने सभी का स्वागत करते हुए फाउन्डेशन द्वारा निशक्त विशेष योग्यजन विद्यार्थियों, वृद्घजनों एवं असहाय महिलाओं की सेवा के लिए किये जा रहे कार्यों का विस्तार से प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुरेश सिंधी, समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक श्रीमती विजय लक्ष्मी गौड़, श्रीमती कुमुदनी शर्मा, जीव सेवा समिति के सचिव जगदीश बच्छानी, समाजसेवी विनय सोगानी, नरेन रामनानी, विनोद पारवानी, कमलेश सत्यानी सहित अन्य सेवाभावी सदस्य मौजूद थे। समारोह में संत कंवर राम स्कूल की छात्राओं ने मॉ शारदे वंदना, छात्र इस्लाम अली ने गीत कार्यक्रम प्रस्तुत किये। श्रीमती पुष्पा सत्यानी ने आभार व्यक्त किया। संचालन श्री महेन्द्र तीर्थाणी ने किया।

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