एक शाम मुकेश परिहार के नाम, सप्तक एवं स्वरनांद की प्रस्तुति

अजमेर 22 नवम्बर ( ) सप्तक एवं स्वरनांद के संयुक्त तत्वाधान मे ऑन लाईन ‘‘एक शाम ‘‘मुकेश परिहार’’ के नाम कार्यक्रम आयोजित किया गया।
सप्तक संस्था के अध्यक्ष रमेश सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि ऑन लाईन कार्यक्रम में कलासाधक मुकेश परिहार द्वारा प्रस्तुत गीतों व गजलों से शाम को सुरमयी बना दिया।
परिहार ने सुप्रसिद्ध गीतकार संगीतकार व शिक्षक कन्हैयालाल जी मधुकर द्वारा रचित भजन दुर्गति दुर्गति दुर्दिन दूर करेंगे राम…..’’ से प्रारंभ किया। जीवन में बचपन के महत्व को दर्शाता गीत ‘‘आया है मुझे फिर याद वो जालिम गुजरा जमाना बचपन का….’’, ‘‘जिक्र होता है कयामत का…’’, ‘‘जुंबा पे दर्द भरी दास्तां चली आई…’’, गजल ‘‘मुझे तुम नजर से गिरा तो रहे हो…’’, इंसान की मनस्थिति को दर्शाता गीत ‘‘मुझे तुमसे कुछ भी ना चाहिए…’’, ‘‘तेरी याद दिल से बुलाने चला हूँ….’’, ‘‘वफा जिनसे की बेवफा हो गए….’’, ‘‘जाऊं कहाँ बता ए दिल…’’, ‘‘सजन रे झूठ मत बोलो….‘‘, ‘‘जीना यहाँ मरना यहां…’’, कार्यक्रम के अंत में भारत के सपूत सुभाष चन्द्र बोस के जन्म दिवस जिन्होने अपना सर्वस्व देश को समर्पित कर दिया व गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में देश भक्ति गीत ‘‘हम है वतन के वतन है हमारा…’’, सुनाकर कार्यक्रम को संगीतमय बना दिया।
कार्यक्रम संचालक माधवी स्टीफन ने बताया कि कार्यक्रम में प्रारंभ में सभी का स्वागत स्वामी ग्रुप के सीएमडी कंवल प्रकाश किशनानी ने किया। कार्यक्रम मंे हारमोनियम पर नरेन्द्र जैन, ढोलक पर सतीश दीक्षित साईड रिदम पर रविन्द्र जैन, ऑक्टोपेड पर सुनील जैन, जैमवे पर ललित कुमार शर्मा, द्वारा संगत की गई।
मुकेश परिहार ने सभी दर्शको का व सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।
नीरज जैमन
9414416461

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