अजमेर, 29 मार्च। सर्वोदय कॉलोनी स्थित श्री दिगम्बर जैन जिनालय में अपने मंगल प्रवचन देते हुए आचार्य श्री 108 अुनभव सागरजी महाराज ने कहा कि गुरू की महिमा अपरम्पार है। गुरु ही वो शख्स होता है जो लोगों को जीने का सही मार्ग बातता है और जीवन को अर्थ देता है। उन्होंने कहा कि मॉं सिर्फ जन्म दे सकती है। पिता जमीन-जायदाद दे सकते है। पत्नी जवानी दे सकती है। मित्र मस्ती दे सकता है, मगर जीवन को असली अर्थ तो सिर्फ गुरू ही दे सकता है, किंतु यह तभी संभव है जब आप गुरू में समाहित होकर बहें। इसके लिए आपको अपना पुराना छोड़ना होगा तथा गुरु के मार्ग पर चलना होगा ….. उनके साथ समाहित होना होगा।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ सुभाष पाटनी ने अपनी सुमधर वाणी से – “सागर से भी गहरा बंदे गुरूवर का उपकार है…” नामक भजन से मंगलाचरण करके माहौल संगीतमय बना दिया। द्वीप प्रज्वलन व चित्र अनावरण सुशील- आशा दोषी, पाद प्रक्षालन कमल कासलीवाल व पवन बाकलीवाल परिवार, शास्त्र भेंट अविनाश पाटनी व सुभाष बड़जात्या परिवार ने किया। गुरू भक्ति का सौभाग्य भी इन्हीं परिवारों को मिला। लेख है कि संघ में 8 पिच्छी है, जिनमें आचार्य अनुभव सागरजी के अलावा मुनि श्री 108 वैराग्य सागरजी, स्वयंभूसागरजी, अनुकरण सागरजी, अनुसरण सागरजी ‘अजमेर गौरव’, अनुशासन सागरजी, व आर्यिका श्री 105 सिद्धार्थमति माताजी व क्षुल्लिका श्री अनुसारमति जी शामिल है।
कार्यक्रम का संचालन जिनालय समिति के मंत्री विनय गदिया ने किया। इस अवसर पर अजय दनगसिया, अभय जैन, डा. एस के पाटौदी, सुनिल पहाड़िया, नवीन पाटनी, पदम कांत, विनोद जैन, अशोक गोधा, धनकुमार लुहाड़िया, अशोक सुरलाया, मनीष पाटनी, नरेन्द्र दोषी, महेश गंगवाल, अनिल पाटनी आदि उपस्थित थे। आचार्य श्री की आहार चर्या का सौभाग्य ताराचंद सेठी परिवार को मिला। जिनालय समिति के मंत्री विनय गदिया ने बताया कि आचार्य श्री का ससंघ बुधवार को प्रातः सात बजे पंचशील स्थित जैन जिनालय के लिए विहार होगा।
अनिल कुमार जैन (पाटनी)
श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन जिनालय
सर्वोदय कॉलोनी, अजमेर
फोन 9829215242