सिन्धी भाषा के मान्यता से मातृभाषा से अधिक हुआ जुडाव- तीर्थाणी

सिन्धी भाषा मान्यता दिवस के उपलक्ष्य में संगोष्ठी का आयोजन
अजमेर 9 अप्रेल – सिन्धी भाषा की मान्यता से मातृभाषा में अध्ययन से हम इतिहास से अधिक जुडाव रहता है और सभी भाषाओं को शीघ्र सीख सकते हैं। हमें गर्व है कि 10 अप्रेल 1967 को संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त होने पर देश भर में भाषा को बढावा देने के लिए राज्यों में अकादमी व राष्ट्रीय स्तर पर सिन्धी भाषा विकास परिषद का गठन हुआ है और भारत सरकार की नई शिक्षा नीति में भी प्राथमिक शिक्षण मातृभाषा को जोडा गया है। उक्त विचार भारतीय सिन्धु सभा व
स्वामी सर्वानन्द विद्या मन्दिर में झूलेलाल जयंती समारोह समिति के तहत सिन्धी भाषा मान्यता दिवस के पूर्व दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहे। जिला मंत्री रमेश वलीरामाणी व संगठन मंत्री मोहन कोटवाणी ने कहा कि यह वर्ष शहीद हेमू कालाणी के जन्म षताब्दी वर्ष के रूप में आयोजित कार्यक्रम में यह भाषा ज्ञान की प्रतियोगिताएं की जा रही है।
सिन्धी शिक्षा समिति अध्यक्ष भगवान कलवाणी ने कहा कि सभी विद्यालयों में देवनागरी भाषा में पुस्तक व शिक्षण सामग्री के लिये समिति सहयोग कर रही है और विद्यार्थियों को परीक्षा के लिये भी सहकार किया जा रहा है।
विद्यालय प्रधानाचार्या मनजीत कौर ने कहा कि ऐसी गतिविधियों से विद्यार्थियों को भाषा, साहित्य का अधिक ज्ञान मिलता है जिसमें सामाजिक सगंठन सहभागिता निभा रहे हैं। कार्यक्रम में मशहूर कलाकार घनश्याम ठारवाणी भगत, अध्यक्ष नरेन्द्र बसराणी, दीदी सुनीता भागचंदाणी व साहित्यकार गोविन्द मनवाणी ने भी विचार प्रकट किये।
कार्यक्रम का शुभारंभ ईष्टदेव झूलेलाल व सरस्वती माता के चित्र पर माल्यापर्ण व दीप प्रज्जवलन कर किया। संचालन श्रीमति रूकमणी वतवाणी ने किया।
प्रतियोगिता विजेताओं का हुआ सम्मान –
भावना मेहरा ने बताया कि चार टीमों में सिन्धी भाषा की प्रतियोगिता में प्रश्नोतरी की गई जिसमें प्रथम स्थान झूलेलाल टीम, दूसरा स्थान लाडी बाई व हेमू कालाणी को संयुक्त पुरस्कार व तृतीय संत कवंरराम टीम को सम्मानित किया गया।
कल 10 अप्रेल को होगी संगोष्ठी
10 अप्रेल रविवार को प्रातः 11 बजे से झूलेलाल भवन आशा गंज पर सिन्धी भाषा मान्यता दिवस के उपलक्ष में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया है जिसमें सिन्धी बाल संस्कार शिविरों में सहयोग देने वाले शिक्षकों का भी सम्मान किया जिसके संयोजक घनश्याम ठारवाणी भगत होगें।

रूकमणी वतवाणी,
मो.8239105717

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