क्षमा याचना से क्रोध रूपी कसाय कम होता है
केकड़ी 11 सितंबर(पवन राठी)
क्षमा शब्द एक ऐसा शब्द है जिसको एक दूसरे से बोलने पर हम क्रोध रूपी कसाय को कम कर सकते हैं ।
हर परिस्थिति में क्रोध को क्षमा रुपी शब्द से जीता जा सकता है । क्षमा भाव धारण करते हुए अपने द्वारा की गई गलती से क्षमा मांग लेने मात्र से उत्तम क्षमा को प्राप्त कर सकते हैं । क्षमा को वीरों का आभूषण भी कहा गया है । इससे पूर्व श्री नेमिनाथ मंदिर में श्री तीस चौबीसी महामंडल विधान व श्री दस लक्षण महामंडल विधान व श्री आदिनाथ जैन मंदिर में त्रैलोक्य महामंडल विधान की व विश्व शांति महायज्ञ की पूर्णाहुति संपन्न हुई ।
अपराहन 3 बजे से अजमेर रोड स्थित श्री शांतिनाथ मंदिर में क्षमावाणी पर्व का जलाभिषेक प्रारंभ होकर जुलूस के साथ श्री ऋषभ नाथ मंदिर ,श्री नेमिनाथ मंदिर बोहरा कॉलोनी ,श्री आदिनाथ मंदिर ,श्री पार्श्वनाथ मंदिर ,श्री मुनीसुव्रत नाथ मंदिर एवं पुरानी केकड़ी स्थित श्री शांतिनाथ मंदिर होते हुए श्री चंद्रप्रभु चैत्यालय पहुँचा, वहाँ श्री जी का अभिषेक किया गया । दस लक्षण पर्व पर दस उपवास, पांच उपवास व तीन उपवास करने वालों का समाज द्वारा सम्मान किया गया । तत्पश्चात चंद्रप्रभु चैत्यालय में सकल दिगंबर जैन समाज का सामूहिक क्षमावाणी पर्व एक दूसरे से क्षमा याचना कर धूमधाम से मनाया गया ।
