सजे माता के दरबार -दर्शनार्थ मंदिरो में उमड़े श्रद्धालु

घर घर हुई घट स्थापना-मंदिरो में हुवा माता का विशेष श्रृंगार
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केकड़ी 26 सितंबर (पवन राठी)शारदीय नवरात्रा के प्रथम दिन ही माता के दरबार सजाए गए और विशेष श्रृंगार किये गए।घर घर घट स्थापना की जाकर माता रानी की आराधना प्रारम्भ की गई। अजमेर रोड स्थित बिजासन माता मंदिर सहित अन्य मंदिरों में मातारानी का आकर्षक श्रृंगार किया गया।आलम यह रहा कि भक्तजनों का सैलाब दर्शनार्थ मंदिरो में उमड़ पड़ा।

शारदीय नवरात्रों मे शक्तिपीठ ब्रह्माणी माता मंदिर में घट स्थापना की गई –
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शारदीय नवरात्रों के चलते यहां शक्तिपीठ ब्रह्माणी माता एवं विभिन्न हनुमान मंदिरों मैं शुभ मुहूर्त 11:15 के बाद घटस्थापना के साथ स्थापना की गई ब्रह्माणी माता मंदिर परिसर में नवान शतचंडी महायज्ञ का अनुष्ठान एवं प्रत्येक दिवस दुर्गा के नौ रूपों मे माता रानी का श्रृंगार पूजन हवन यज्ञ अनुष्ठान किया जाएगा खिरकी है वाले बालाजी मंदिर मैं नौ दिवसीय अखंड रामायण पाठ का भी आयोजन किया गया है इसी प्रकार नौ दिवसीय कार्यक्रम डांडिया महोत्सव कोली मोहल्ला रेगर मोहल्ला सहित कई स्थानों पर किया जा रहा है माता रानी का अनोखा श्रंगार किया गया और विद्युत रोशनी द्वारा माता का मंदिर गया।
आज से मां आदिशक्ति की उपासना के पावन पर्व नवरात्रि की शुरुआत हो रही शुरू है। आज यानी 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि शुरू होकर 04 अक्टूबर को नवमी तिथि तक मनाई जाएगी। नवरात्रि के नौ दिनों मां अंबे के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। मां शैलपुत्री हिमालयराज की पुत्री हैं। मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार मां शैलपुत्री चंद्रमा को दर्शाती हैं। कहा जाता है कि उनकी उपासना से चंद्रमा के बुरे प्रभाव निष्क्रिय हो जाते हैं। पूजा के साथ ही मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में खुशियां आती है।बघेरा मीडिया प्रभारी स्वाति पाठक ने बताया।

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