क्रोध पर नियंत्रण रखें – यशस्विनी माताजी

श्री दिगंबर जैन मुनि संघ सेवा जागृति मंच के तत्वाधान में चल रहे प्रवचन कार्यक्रम के दौरान यशस्विनी माताजी ने कहां की क्रोध जीवन का अंत कर सकता है क्रोध तो काबू करने का प्रयास करें क्रोध एक ऐसी ज्वाला है जिसमें इंसान स्वयं भी जलता है और दूसरों की जलाता है गुस्से में किए गए काम या बोली हुई बातों से व्यक्ति के खुद का ही नुकसान होता है। हालांकि इसका एहसास गुस्सा शांत होने के बाद होता है। इंसान आवेश में क्रोध कर तो लेता है कुछ देर बाद उसको उसका अंजाम भी समझ में आ जाता है लेकिन काफी देर हो जाती है वाणी संयम के माध्यम से क्रोध को नियंत्रित किया जा सकता है
माताजी ने कहा कि इतिहास को खंगाले तो क्रोध ही ऐसा कारण बना की महाभारत खेल डाली क्रोध के परिणामों को जानने से पहले ही क्रोध नहीं करने पर नियंत्रण रखें कुछ देर लगता है मन को लेकिन संयमित होकर क्रोध पर नियंत्रण किया जा सकता है करो तो छोटे से बच्चे को भी आ सकता है लेकिन उसने ज्ञान नहीं होता इंसान जब बड़ा होता है तो उसको हानि और लाभ समझ में आ जाते हैं जिस क्रोध को करने से हानि ही होनी है फिर क्यों उस क्रोध को करना क्रोध पर नियंत्रण रखें जागृति मंच के अध्यक्ष सुनील जैन होकरा ने बताया कि माता जी की नित्य प्रवचन प्रातकाल 8:30 हो रहे हैं

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