स्वयं के आचरण से प्रारम्भ करें दिव्यांग समावेशन – समीर घोष

(दिव्यांगता और समावेशन पर संगोष्ठी सम्पन्न)
अजमेर दिनांक 17 मार्च 2023 राजस्थान महिला कल्याण मण्डल अजमेर व केन्द्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान के संयुक्त तत्वाधान में दिव्यांगता व समावेशन द वे फोरवर्ड विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन केन्द्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान, किषनगढ़ के समाज कार्य विभाग में आयोजन किया गया । संगोष्ठी का शुभारम्भ केन्द्रीय विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉ. आनन्द भालेराव की अध्यक्षता और विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार समीर घोष के मुख्य आतिथ्य, केन्द्रीय विश्वविद्यालय के समाज कार्यविभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जगदीश जाधव, संस्था मुख्य कार्यकारी क्षमा आर कौशिक और निदेशक राकेश कुमार कौशिक द्वारा दीप प्रज्जवलन करके किया गया । साथ ही संस्था द्वारा वयस्क दिव्यांगांे के लिये निर्मित बागवानी प्रषिक्षण निर्देशिका का विमोचन भी उपस्थित अथितियों द्वारा किया गया है।
डॉ भालेराव ने अपने उद्वबोधन में दिव्यांगता एव समावेशित विषय पर विचार व्यक्त करते हुए संगोष्ठी आयोजन को महत्वपूर्ण बताया जिसके अन्तर्गत समावेशन को महत्वपूर्ण बनाने में उच्च शिक्षा क्षेत्र तथा गैर सरकारी संस्थाओं का योगदान महत्वपूर्ण है । समाज में दिव्यांगजन के समावेशन हेतु व्यापक स्तर पर उच्च षिक्षण संस्थायें, गैर सरकारी संस्थायें तथा विशय विशेषज्ञ के विचारो का आदान-प्रदान आवष्यक है । उन्होने दिव्यांगजन समावेषन को समाजिक विकास के क्षेत्र में मील का पत्थर बताया ।
समीर घोश ने अपने उद्बोधन में कहा कि सही मायने में दिव्यांग समावेषन करना है तो स्वयं के आचरण से प्रारम्भ करंे साथ ही उन्होने अपने व्यक्तिगत अनुभवो को साझा करते हुए बताया कि स्वयं एक दिव्यांग होने के कारण उन्हे किस तरह की चुनौतियो का सामना पड़ा और कैसे उन्होने चुनौतियो को अवसर में तबदील किया साथ ही उन्हाने राश्ट्रीय षिक्षा नीति 2020 के परिपेक्ष्य में दिव्यांगो का समावेषन कैसे होना चाहिए पर भी प्रकाष डाला इसके साथ ही संस्था सचिव क्षमा आर कौषिक ने राजस्थान महिला कल्याण मण्डल संस्था द्वारा दिव्यांगो तथा समावेष को लेकर किये जाने वाले कार्याे को सांझा किया । दिल्ली विष्वविद्याालय के प्रोफेसर सुधीर मस्के ने अर्ली इन्टरवेषन की महत्वता के साथ ही इनके समावेषन में चुनौतियो और सुझाव सांझा किये । प्रोफेसर बलदेव गुलाटी ने व्यस्क दिव्यांगो के रोजगार और आजीविका में आने वाली चुनौतियों को साझा करते हुए सुझावों पर प्रकाष डाला । उंमग संस्था से नेहा खुबानी ने सेरेब्रल पाल्सी के बच्चों के समावेशन में नई शिक्षा नीति के तहत् आने वाली चुनौतियों पर विचार व्यक्त किये । डॉ. सुभाषीश ने सभी सहभागियों को 5 समूह में विभाजित कर शीघ्र हस्तक्षेपण, समावेशित शिक्षा, व्यवसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास, आजीविका और रोजगार सुगम्यता विशय पर आपसी चर्चा कर आगामी रणनिति तैयार कर प्रस्तुत किये ।

संस्था निदेशक राकेश कुमार कौशिक ने संस्थागत जानकरी और संगोष्ठी के उद्वेश्यों को साझा करते हुए बताया कि इस संगोष्ठी में विषय विशेषज्ञों, शिक्षाविदो और सामाजिक संस्थाओ द्वारा मिलकर अपने अनुभवों के आधार पर दिव्यागों के समावेषन के लिए नई शिक्षा नीति हेतु सुझाव तैयार कर सरकार को ज्ञापन सौपा जाएगा ।
संगोश्ठी में उमंग संस्थान जयपुर, सेन्टर फॉर एडवोकेसी, ग्राम चेतना केन्द्र जयपुर, भगवन्त विश्वविद्याालय अजमेर, संस्कृृति द स्कूल अजमेर, मयूर स्कूल अजमेर, राजस्थान महिला कल्याण मण्डल, संजय स्कूल ब्यावर, मीनू स्कूल चाचियावास, केरीटास इण्डिया, डॉ. श्राफ आई हॅास्पिटल , केन्द्रीय विष्वविद्यालय राजस्थान, दिल्ली विश्वविद्यालय आदि से लगभग 100 प्रतिभागियो ने भाग लिया ।

राकेश कुमार कौशिक
निदेशक
9829140992

error: Content is protected !!