बेटियों ने दिया माँ की अर्थी को कंधा

केकडी 31 मार्च (पवन राठी) एक वक्त था जब केवल पुरुषों को ही अर्थी को कंधा देने का अधिकार था।बदलते वक़्त में अब महिलाएं भी अर्थी को कंधा देकर पुत्र धर्म का निर्वहन करने में पीछे नही है।
ऐसा ही वाकिया शुक्रवार को ग्राम टाँकावास में देखने को मिला।
संत निरंकारी मंडल केकडी के मीडिया सहायक रामचंद टहलानी ने बताया कि टाँकावास ब्रांच मुखी कालूराम निरंकारी की धर्म पत्नी का शुक्रवार को जयपुर सवाई मान सिंह अस्पताल में सुबह निधन हो गया था।कालूराम के कोई पुत्र रत्न नही था तीन बेटियां सुमन सुमति और साधना ही है।घर से जब अर्थी निकली तो बेटियों का जज्बा देखते ही बनता था उन्होंने सजल नेत्रों के साथ अपनी माँ की अर्थी को कांधा देकर भरपूर पुत्र धर्म का निर्वहन किया।
ग्राम वासियो ने जब इस दृश्य को देखा तो बेटियों के इस जजबे को सलाम करते हुए शवयात्रा में शामिल हुए।
शवयात्रा में आगे केकडी ब्रांच मुखी अशोक रंगवानी के सानिध्य में निरंकारी सेवादल के जवान एवम बहिने हाथ जोड़े “तू ही निरंकार मैं तेरी शरण हाँ मेनु बख्श लो”सुमिरन करते हुए चल रहे थे।दाह संस्कार के दरम्यान पास में ही सत्संग का आयोजन किया गया।यह भी ग्रामीणों के लिए एक आश्चर्य से कम नही था।
शव यात्रा में केकडी मालपुरा देवली दूनी ऊंदरी रामथला बाजटा जहाजपुर की संगतों के साथ सेंकडो ग्रामीण सम्मिलित हुए।

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