तम्बाकू हमारी दुश्मन:बचने में ही लाभ— डॉ अर्पित जैन

मित्तल हॉस्पिटल में लगा नि:शुल्क कैंसर रोग परामर्श शिविर, अनेक रोगियों ने पाया लाभ
अजमेर, 31 मई()। तम्बाकू हमारी दुश्मन है, इसे शरीर में प्रवेश ना होने दें। कैंसर रोग के मूल में तम्बाकू एक प्रमुख कारक बनता है इससे बचने में ही लाभ है।
मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ अर्पित जैन ने विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर यह विचार रखे। डॉ जैन ने बताया कि कैंसर रोगियों के लिए बुधवार को मित्तल हॉस्पिटल में नि:शुल्क परामर्श शिविर आयोजित किया गया था जिसका रोगियों ने लाभ पाया।
शिविर में रोगियों ने तम्बाकू या उससे बने अन्य उत्पाद का सेवन छोड़ने के बारे में सलाह मांगी। उन्होंने कहा कि शिविर का उद्देश्य भी यही था कि लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हों और जानलेवा कैंसर रोग से बचकर स्वयं का और समूचे परिवार का हित साध सकें।
डॉ अर्पित जैन ने कहा कि धूम्रपान नहीं करने वाले लोगों को भी कैंसर रोग हो सकता है । धूम्रपान करने वालों को कैंसर रोग होने की संभावना ज्यादा होती है। तम्बाकू सेवन के अलावा कैंसर होने के और भी बहुत से कारण हैं इनमें प्राकृतिक कारणों में सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों से भी किसानों को, मजदूरों को जो दिन रात धूप में ही रहते हैं या काम करते हैं उन्हें त्वचा का कैंसर हो जाता है। ख़ाद्य पदार्थ जिनकी खेती विभिन्न तरह के रसायनों के उपयोग से होती हैं उनके सेवन से भी कैंसर रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। डॉ अर्पित ने बताया कि यही वजह है लोग आॅर्गेनिक फूड को अपनाने लगे हैं। आॅर्गेनिक खाद्य पदार्थों का चलन पहले से अधिक हो गया है। डॉ अर्पित ने महिलाओं व युवाओं को तम्बाकू निषेध दिवस पर विशेष तौर पर कहा कि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनें। किसी भ्रांति में ना रहे। प्रत्येक व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता अलग होती है। कैंसर के अनेक बार जनेरिक कारण भी हो सकते हैं। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर अथवा बच्चेदानी के कैंसर को लेकर ऐसे कारण देखे गए हैं। इसलिए शरीर की कम से कम सालभर में नियमित जांच कराते रहें।
शिविर में फोलोअप जांच के लिए आए इंद्रराज कच्छावा ने बताया कि उनके बड़े भाई हेमराज कचछावा के जबड़े का कैंसर था। वे तम्बाकू का कई वर्षों से सेवन कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मित्तल हॉस्पिटल में उनका मुख्यमंत्री चिरंजीव स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत उपचार हुआ। उनका पूरा उपचार बिना पैसा खर्च हुए हो गया। उनके भाई का कैंसर उपचार के साथ जबड़े की प्लास्टिक सर्जरी भी की गई। उनका भाई अभी बहुत ठीक है।
डॉ अर्पित ने बताया कि तम्बाकू का सेवन स्वस्थ शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इससे होठों का कैंसर, गाल का कैंसर, जीभ का कैंसर, स्वर—तंत्र का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, अमाशय, भोजननली एवं लीवर का कैंसर होने का जोखिम सदैव बना रहता है।
निदेशक डॉ दिलीप मित्तल ने बताया शिविर में पंजीकृत रोगियों को निर्देशित जाँचों पर 25 प्रतिशत तथा ऑपरेशन व प्रोसीजर पर 10 प्रतिशत तक छूट शिविर से 7 दिवस तक प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि मित्तल हॉस्पिटल में राज्य सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का रोगियों को पूरा लाभ मिल रहा है।
फोटो— शिविर में पंजीकृत कैंसर रोगी चिकित्सक डॉ अर्पित जैन के पास परामर्श पाते हुए।

Santosh Gupta
Manager PR
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