मातृभाषा के ज्ञान से विश्व की सभी भाषाओ का ज्ञान सरलता से- तेजवाणी

नवसंवत्सर, चेटीचंड व सिन्धी भाषा मान्यता दिवस ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन
चेटीचण्ड पखवाड़ा महोत्सव-2024 बारहवें दिन

अजमेर -11 अप्रेल- पूज्य झूलेलाल जयन्ती समारोह समिति द्वारा चलाये जा रहे चेटीचंड पखवाड़ा महोत्सव के बारहवें दिन नवसंवत्सर, चेटीचंड व सिन्धी भाषा मान्यता दिवस ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता लेखक व चिंतक गिरधर तेजवाणी ने विचार प्रकट करते हुएं कहा कि मशहूर साहित्यकार कवि नारायण श्याम ने कहा था कि ’किथे ईंह न थे त परहूं किताबन में त हुआ सिन्धी ऐं सिन्धी बोलीअ वारा’ यह उनकी चिन्ता थी कि युवा पीढ़ी का भाषा से जुडाव नहीं हो रहा है परन्तु वर्तमान में निरंतर कार्यक्रम संगोष्ठियों से युवा पीढ़ी जुडी है और भाषा के कार्यक्रमों से भाषा का ज्ञान हुआ है। तेजवाणी ने चेटीचंड के अवसर पर सिन्धी भाषा व संस्कृति के कार्यक्रम हुए हैं और 15 दिवसीय पखवाडे़ के आयोजन से युवा, मातृशक्ति व विद्यार्थी जुड़कर आयोजन कर रहे हैं। सभी प्रकार के कार्यक्रम हुए हैं। सिन्धी भाषा की मान्यता दिवस का भी संयोग हुआ है और श्री अमरापुर सेवा घर में सिन्धी साहित्य व शोध संस्थान में किताबों का संकलन किया है उससे विद्यार्थियों के लिये अवसर बढे़ हैं साथ ही सिन्धी भाषा में श्री हनुमान चालीसा पाठ भी प्रारम्भ किया गया जो सराहनीय है।
अध्यक्षता करते हुए कवंल प्रकाश किशनानी ने कहा कि सनातन की रक्षा के लिये हमारे पूर्वज सिन्ध छोड़कर विभिन्न प्रान्तों बसे व पूर्वजों के प्रयासों से हर शहर में चेटीचंड उत्सव, नवसंवत्सर मनाया जाता है। समाज के प्रमुख बन्धुओं के प्रयासों से हमें 1967 में सिंधी भाषा की संविधान की आंठवी अनुसूची में मान्यता मिली जिसका हम आने वाली पीढ़ी को जानकारी पहंुचाने में अपना योगदान करें।
वक्ता प्रदेश महामंत्री भारतीय सिन्धु सभा जयपुर ईश्वर मोरवाणी ने कहा कि हमारे बुजुर्ग विभाजन के समय सिन्ध से पलायन करते हुए देश भर में अलग-अलग राज्यों में स्थापित हुए व एक साथ राज्य व जमीन नहीं होने के कारण मातृभाषा के स्थान पर वहां की भाषा से जुड़ाव हो गया। हालांकि भाषा को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर की सरकारी संस्थायें कार्यक्रम कराने में सहयोग कर रही है। युवा पीढ़ी को भाषा के साथ रोजगार के अवसर भी देने होगें सिन्धी भाषा में फिल्मों, नाटकों व रंगमंच के कार्यक्रमों को सहयोग करना चाहिए। साहित्य भी सरल भाषा में उपलब्ध करवा रहे हैं। दूरदर्शन पर भी 24 घण्टे का चैनल प्रारम्भ हो।
संगोष्ठी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने विचार रखते हुए कहा कि हम सभी आशावादी है कि विद्यार्थी भाषा से जुड़ रहे हैं। नवसंवत्सर पर कार्यक्रम करने के साथ व्यापारिक संगठनों द्वारा खरीददारी करने पर आकर्षक उपहार व भेंट देना हुआ। चेटीचंड पर विशाल शोभा यात्रा, पखवाडे़ में 15 दिवस तक धार्मिक आयोजन करना, अलग प्रतियोगिताओं का आयोजन, चिकित्सा शिविर, टेलेन्ट शो, नृत्य लाडा प्रतियोगिता सिन्धी व्यंजनो की प्रतियोगिता, फूड फेस्टिवल, सिन्धुरत्न सम्मान व अलग अलग विभूतियों का सम्मान समारोह हुए हैं। सिन्धी भाषा की मान्यता दिवस पर संगठन सिन्धी भाषा विश्वविद्यालय की भी शीघ्र स्थापना के प्रयास कर रही हैं।

कल शुक्रवार 12 अप्रैल 2024 के आयोजन
सुबह 5.30 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम पूज्य बहिराणा साहिब ऐं दीपदान महाआरती स्थान वरूण सागर (फॉयसागर झील) अजमेर, श्री अमरापुर सेवा घर ताराचंद हुंदलदास खानचन्दानी सेवा संस्था व पूज्य झूलेलाल जयंती समारोह समिति एवं फॉयसागर रोड, कॉलोनियां के सहयोग से किया जायेगा जिसके संयोजक शंकर बदलानी, नरेन्द्र बसराणी, ओम प्रकाश हीरानंदानी रहेंगे।

महेन्द्र कुमार तीर्थाणी-मो. 9414705705

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