महिला रचनाकारों पर केंद्रित रही वासंती संगोष्ठी
अजमेर/ अखिल भारतीय साहित्य परिषद अजमेर सरोज गर्ग ने कुछ याद उन्हें भी करलो, द्वारा वसंत पंचमी के अवसर पर “महिला रचनाकार केंद्रित संगोष्ठी” का आयोजन रविवार शाम भक्तिधाम में किया गया। डॉ छाया शर्मा और पुष्पा क्षेत्रपाल के संयोजन में हुई इस गोष्ठी का शुभारंभ बालिका निष्ठा द्वारा मां शारदे के स्तुति नृत्य से हुआ। तदुपरांत संस्कृति चिंतक हनुमान सिंह राठौड़ की सद्य प्रकाशित कृति “राजयोगिनी अहिल्या माता” पर चर्चा करते हुए मुख्य वक्ता उमेश कुमार चौरसिया ने कहा कि मालवा की कुशल शासक अहिल्याबाई होलकर का भावनात्मक चरित्र स्त्री की क्षमता और सामर्थ्य का परिचायक है। गंगाधर शर्मा ने परिषद गीत प्रस्तुत किया तथा अध्यक्ष डॉ केके शर्मा ने संस्था का परिचय दिया।
अध्यक्षता करते हुए पुष्पा शर्मा कुसुम ने हंस वाहिनी मात शारदे चरण वंदना करती हूं, डॉ० अंजू अग्रवाल ने कोयल की सी बोली मां, लता शर्मा ने आ गया फिर से बसंत, प्रतिभा जोशी ने ऋतुओं के राजा आए हैं, मीना सोनी ने वीणावादिनी वर दे, पुष्पा क्षेत्रपाल ने स्वागत है ऋतुराज, बालिका ओजस्वी ने पर्यावरण लघुकथा तथा सरोज गर्ग ने बांसुरी पर कुछ याद उन्हें भी कर लो गीत सुनाया।
डॉ० बृजेश माथुर ने बागों में फूलों, तस्दीक अहमद खान ने खिजां से खौफ ना खाये बसंत का मौसम, खलील अहमद ने जिंदगी सभी को प्यारी है, डॉ राजेश शर्मा ने बदला है परिवेश, रमेश चन्द भाट ने घूंघट से झांक रही कोयल, कुलदीप सिंह रत्नू ने नमो मां देवी शारदे, बनवारी लाल शर्मा ने बसंत ऋतु फिर आई र२चनाएं प्रस्तुत की । दीपशिखा क्षेत्रपाल, नीलम कौर, पूर्णिमा पाठक, जय गोपाल प्रजापति, कृष्णमोहन रंगा, मोहिनी भाट ने भी काव्यपाठ किया।