स्कूलो की किताबो को बुक डिपो द्वारा मनमानी मर्जी से बेचने से हो रही परेषानी

आज दिनाँक 29 मार्च – प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव डॉ सुनील लारा माननीय जिला कलेक्टर महोदय अजमेर, माननीय मुख्यमंत्री महोदय व षिक्षा मंत्री से इन बुक सेन्टरो के संचालको द्वारा मनमर्जी से किताबे बेचने व स्कूल को हर वर्ष कोर्स ना बदलने बाबत् मांग की।
यह जानकारी देते हुए डॉ. सुनील लारा ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी स्कूल का नया सेंषन शुरू होने पर इन बुक सेलरो के हाव भाव बदल जाते है यह अभिभावको को मनमर्जी से प्रिन्ट रेट से बुको का विक्रय करते है तथा शहर की बड़ी-बडी स्कूलो के प्रधानाचार्य कक्षाओं के कोर्स को हर बार नया रूप देकर व कमीषन के चक्कर में किसी एक ही दुकानदार को किताबो का ठेका देते है ताकि मोटा कमीषन स्कूल को बुक संचालक द्वारा मिल सके। इस का सीधा-सीधा असर इन बच्चो के अभिभावको पर पड़ रहा है जिन्हें कम से कम 6-7 हजार रूपये की किताबे स्कूल द्वारा अधिकृत बुक सेन्टरो से लेनी पड़ती है। स्कूल द्वारा हर वर्ष कोर्स को चेंज कर दिया जाता है ताकि अभिभावक पिछले साल की किताबे अपने परिचित या उस कक्षा को उत्तीर्ण करने वाले बच्चो से ना ले सके। अगर स्कूल द्वारा कोर्स चेंज नहीं किया जावे तो इन अभिभावको का कम से कम किताबो का खर्च का बोझ कम हो सकेगा और यह किताबे अदला-बदली कर के उपयोग में ले सकेगे। क्योंकि कुछ अभिभावक ऐसे भी है जो इस मंहगाई के समय में बच्चो को पढ़ा पाना भी उनके लिए मुष्किल सबक है।
लारा ने बताया कि यह सब मोटे कमीषन के चक्कर में एक ही दुकान को अधिकृत करते है व यह बुक संचालक मनमर्जी से प्रिन्ट रेटो के उपर किताबो की बिक्री करते है तथा स्कूल को उपयुक्त कमीषन पहंुचाते है जो कि सरासर गलत है।
लारा ने मांग माननीय जिला कलेक्टर महोदय अजमेर, माननीय मुख्यमंत्री महोदय व षिक्षा मंत्री महोदय से मांग की है कि हर वर्ष इन कोर्सो को चेंज ना किया जावे व स्कूल प्रषासन को एक ही बुक सेन्ट से बुक लेने व बुक संचालको को वाजिब दाम में बुक विक्रय करने हेतु पाबन्द किया जावे ताकि अभिभावको को कुछ राहत मिल सके।
(डॉ. सुनील लारा)
प्रदेश सचिव
मो. 9828430478

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