भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर ‘परशुरामचरितम’ का भव्य विमोचन समारोह सम्पन्न

महामंडलेश्वर नर्मदा शंकर पुरी सहित विद्वतजनों ने किए प्रेरक उद्बोधन
अजमेर ।(अशोक लोढ़ा) भगवान परशुराम जन्मोत्सव के अवसर पर सनातन धर्म रक्षा संघ, अजयमेरू (राजस्थान) द्वारा एक भव्य व्याख्यान एवं ग्रंथ विमोचन समारोह का आयोजन आज सायं तपस्वी भवन, वैशाली नगर रोड, अजमेर में श्रद्धा और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। समारोह का मुख्य आकर्षण सुप्रसिद्ध साहित्यकार विजय संस्कार (विजय कुमार शर्मा) द्वारा रचित पौराणिक ग्रंथ ‘परशुरामचरितम’ का लोकार्पण रहा। इस अवसर पर भगवान परशुराम के जीवन, आदर्शों और सनातन धर्म में उनके योगदान पर विभिन्न विद्वानों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
विशेष व्याख्यान का विषय था, “भगवान परशुराम: केवल ब्राह्मण नहीं, संपूर्ण सनातन धर्म के पूज्य देवता”। महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 नर्मदा शंकर पुरी जी महाराज (निरंजनी अखाड़ा) ने आशीर्वचन देते हुए कहा,”भगवान परशुराम समग्र सनातन संस्कृति के रक्षक और धर्म व्यवस्था के आधार स्तंभ थे। आज भी उनके तेजस्वी आदर्शों को आत्मसात कर अन्याय, भ्रष्टाचार और अधर्म का नाश संभव है।”
साध्वी अनादि सरस्वती जी (महानिर्वाणी अखाड़ा) ने कहा,
“भगवान परशुराम ने ब्राह्मणत्व को जन्म नहीं, बल्कि गुण, आचरण और तपस्या से परिभाषित किया। उनके जीवन से युवाओं को साहस, परिश्रम और धर्मनिष्ठा की प्रेरणा लेनी चाहिए।” डॉ. आशुतोष पारिक ने कहा, “भगवान परशुराम अन्याय के विरुद्ध स्थायी चेतावनी हैं। धर्म के लिए संघर्ष करना और समाजहित को सर्वोपरि रखना ही सच्चा सनातन धर्म है।”
महंत श्याम सुंदर शरण देवाचार्य ने कहा, “भगवान परशुराम का अवतार कालजयी है। उनके आदर्श हर युग में धर्मरक्षा का प्रकाश-पथ दिखाते रहेंगे।” बी के रूपा (प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय) ने कहा कि “आज के युग में संस्कारों की अत्यंत आवश्यकता है।”उन्होंने प्रतिदिन ग्रंथों का अध्ययन करने का भी आग्रह किया।
समारोह में राष्ट्रीय सिंधी समाज, इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसाइटी एवं सिंधु सत्कार समिति की ओर से लेखक विजय संस्कार, महामंडलेश्वर जी, पूर्व न्यायाधीश अजय शर्मा तथा अन्य विशिष्ट अतिथियों का सम्मान किया गया।सम्मान समारोह का संचालन डॉ. लाल थदानी, योगेश गौड़, डॉ. दीपा थदानी और लता शर्मा ने किया।
इस अवसर पर सैकड़ों सनातनी श्रद्धालु उपस्थित रहे, जिन्होंने समारोह की गरिमा में चार चाँद लगाए। कार्यक्रम में चिकित्सा, विधि, शिक्षा, साहित्य, इंजीनियरिंग सहित विविध क्षेत्रों के गणमान्य नागरिकों, संत-मनीषियों एवं सनातन संगठनों के प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। समारोह का प्रभावशाली संचालन श्रीमती मीना शर्मा ने किया। समारोह का समापन भगवान परशुराम जी की आरती एवं आशीर्वचनों के साथ हुआ।

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