विकास व रचनात्मक सोच के लिए दौड़ा अजमेर

अजमेर। रविवार को अजमेर में एक साल से बच्चे से लेकर 116 साल तक का बुजुर्ग शहर के विकास और रचनात्मक सोच को लेकर जब दौड़ा तो पूरा शहर इस बात का गवाह बना। अलसुबह से ही अजमेर मैराथन के लिये पटेल मैदान में क्या बच्चे, क्या बड़े, क्या जवान, क्या बुजुर्ग, क्या महिला, क्या बालिका सब बडे उत्साह के साथ दौड़ में शामिल होने के लिये पटेल मैदान पहुंच गये।
मैराथन शुरू होने से पहले दैनिक भास्कर के स्थानीय संपादक रमेश अग्रवाल ने दौडऩे वालों को एक औपचारिक समारोह के दौरान सभी धावकों को शपथ दिलाई। वहीं कई सन्त, महात्मा और महापुरुष भी पटेल मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर अजमेर के इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने। पटेल मैदान के पृथ्वीराज गेट से शुरू हुई मैराथन 3 किमी 700 मीटर का रास्ता तय कर वापस अपनी मंजिल पटेल मैदान पहुंची। पूरे रास्ते मैराथन में शामिल धावकों पर पुष्प वर्षा कर उनका उत्साहवर्धन किया जाता रहा।
शहर में सैकड़ों स्वागत द्वार बना कर कई व्यापारिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने इस ऐतिहासिक मैराथन का स्वागत किया। जगह-जगह पानी और अल्पहार का प्रबंध किया गया। अजमेर डेयरी की ओर से धावकों के लिये दूध के पाउच वितरित किये गये। पीले रंग की विप और सफेद टी-शर्ट के साथ केसरिया टोपी पहने जब धावक सड़कों पर दौड़े तो शहर की सड़कें रंगीन हो गई। अजमेर मैराथन में शामिल लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए शहर के कइ पॉईन्ट पर प्राइवेट प्रैक्टिश्नर्स की ओर से डॉक्टर तैनात किये गये। पूरे रास्ते एम्बुलेंस की व्यवस्था रही। अजमेर फोरम, इंडोर स्टेडियम और राजस्थान एथलेटिक एसोसिएशन की ओर से आयोजित अजमेर मैराथन के आगे जिला रोल बोल एसोसिएशन के 50 खिलाड़ी स्केटिंग करते हुए चल रहे थे। मैराथन में सीनियर सिटिजन के लिए दोडऩे की अलग व्यवस्था थी, जबकि महिलाओं और बालिकाओं के लिये भी दौडने की अलग व्यवस्था थी। साथ ही पुलिस ने भी अपनी भूमिका बखूबी निभाई। यातायात पुलिस उपअधीक्षक जयसिंह राठौड़ के निर्देशन में शहर की यातायात व्यवस्था और पार्किंग व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किये गए।
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