अरांई में एसबीबीजे का स्थापना दिवस मनाया

अरांई में एसबीबीजे बैंक की स्थापना दिवस पर उपस्थित ग्रामीण एवं बैंंककर्मी

अरांई । शनिवार को कस्बे में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर का द्वितीय स्थापना दिवस मनाया गया। एसबीबीजे बैंक में बैंक मैनेजर नरेन्द्र मूलानी की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीणों को बैंक कार्यों की जानकारी दी गई। ग्रामीणों को संबोधित करते हुए मूलानी ने कहा कि अरांई कस्बे में ग्रामीणों को राष्ट्रीय स्तरीय बैंकिग सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। शाखा में खाता खोलने के साथ ही चैक बुक, एटीएम कार्ड, एटीएम पार्सवर्ड कुछ ही मिनटों में उपलब्ध करा दिए जाते है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों के सहयोग से ही दो वर्ष के कार्यकाल में शाखा ने १० करोड़ से अधिक का व्यापार कर रिकार्ड बनाया है। शीघ्र ही लॉकर सुविधा भी शाखा में शुरू कर दी जावेगी। कस्बे को सर्वप्रथम एटीएम की सौगात भी एसबीबीजे की शाखा से ही मिली है। इस अवसर पर मूलानी ने व्यापार, गृह, शिक्षा ऋण आदि की जानकारी दी। बैंक के स्थापना दिवस पर सुरेन्द्र पुरी, मुकेश कलवार, कैलाश राव, गजेन्द्र पुरी, बन्नालाल सहित बैंककर्मी एवं कई ग्रामीण उपस्थित थे।

शिक्षक प्रशिक्षण शिविर का समापन

अरांई। समीपवर्ती ग्राम आकोडिया में सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक विद्यालय में शनिवार को छ: दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ। शिविर को संबोधित करते हुए आरपी शंकर लाल शर्मा ने कहा कि नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा एक सतत् गतिशील प्रक्रिया है। यह अधिनियम शिक्षा की गुणवत्ता के वृहद स्तर को निर्देशित करता है। उन्होंने शिक्षकों से शिविर से सीखे हुए ज्ञान को शिक्षण पद्धति में अपनाकर छात्रों को लाभान्वित करने को कहा। दक्ष प्रशिक्षक फैजुल हसन तथा नन्दकिशोर जोशी ने अंग्रेजी विषय को रूचिकर बनाने के गुरू बताए। उन्होंने शिक्षण व्यवस्था में नए विचारों के प्रयोग, टीचर्स पेज, बिल्डिंग वोकॉबुलेरी, लिस्निंग, स्पीकिंग ग्राम, प्रोजेक्ट वर्कर सहित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। समापन समारोह को संबोधित करते हुए फैजुल हसन ने कहा कि छात्रों को ऐसी शिक्षा दी जावें जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो तथा बच्चों की शारीरिक व मानसिक क्षमता का अधिक से अधिक विकास हो। शिक्षण पद्धति सीखने -सिखाने की प्रक्रिया बालकों के अनुरूप गतिविधि आधारित हो इसमें खोजने की प्रवृत्ति बढ़ाने वाली हो। इस अवसर पर प्रधानाध्यापक दिनेश कुमार, रामावतार राव, केदार वैष्णव ने भी विचार व्यक्त किए।

– मनोज सारस्वत

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