शिकायतों का निराकरण सीमा में करें – जिला कलक्टर

galriyaअजमेर । जिला कलक्टर वैभव गालरिया की अध्यक्षता में राजस्थान लोक सेवा गारन्टी अधिनियम 2011 एवं ई-सुगम कार्यक्रम की बैठक कलक्टेªट में आयोजित हुई जिसमें जिले में प्राप्त शिकायतों एवं उनके निवारण की समीक्षा की गई। जिला कलक्टर ने कहा कि ई-सुगम शिकायत पोर्टल जिसके माध्यम से आम नागरिक अपनी शिकायत इंटरनेट के माध्यम से दर्ज करवाता है उक्त पोर्टल पर दर्ज विभागवार लम्बित शिकायतों का निवारण सम्बन्धित विभाग के द्वारा किया जाता है।

उन्होंने सभी विभाग के अधिकारियों से आमजन की समस्या का त्वरित गति से समाधान हेतु निर्देश दिये साथ ही बताया कि राजस्थान सरकार की राजस्थान लोक सेवा गारन्टी अधिनियम 2011 के अधीन आने वाली सेवाओं को ऑनलाइन पोर्टल माध्यम से सरकार द्वारा मॉनीटरिंग की जा रही है। जिले से संबंधित सभी विभागों के द्वारा दी जा रही सेवाओं की प्रगति की समीक्षा की गई तथा समयबद्ध सेवाओं को प्रदान करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये ताकि आम जनता को समयबद्ध गुणवत्ता सेवाएं प्रदान करना संभव हो सके। बैठक में सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

पिछड़ने वाले विभाग लक्ष्य पूरा करें – गालरिया

अजमेर । जिला कलक्टर वैभव गालरिया ने बीस सूत्राी कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए लक्ष्यों से पिछड़ रहे विभागों को हिदायत दी कि वे मार्च माह में बकाया कार्यों को पूरा कर शत प्रतिशत लक्ष्य अर्जित करें।
गालरिया ने आज कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को विशेष निर्देश दिए और कहा कि उन्हें परिश्रम करने की अधिक आवश्यकता है।

जिला कलक्टर ने महात्मा गांधी नरेगा, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना, स्वयं सहायता समूह, न्यूनतम मजदूरी कार्यक्रम, खाद्य सुरक्षा, अन्त्योदय अन्न योजना, इन्दिरा आवास योजना, ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल योजना, बच्चों का टीकाकरण, ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम आदि की विस्तार से समीक्षा की।
उन्होंने अजमेर विद्युत वितरण, खादी, डेयरी, उद्यानीकरण, वित्त निगम, कृषि, उद्योग, रीको, ग्रामीण विकास, पंचायतीराज, आवासन मंडल तथा अनुसूचित जाति विकास निगम के लक्ष्य जो सीधे तौर पर बीस सूत्राीय कार्यक्रम से जुड़े हैं के लक्ष्य अगले माह तक पूरा करने को कहा। मुख्य आयोजना अधिकारी श्रीमती बीना शर्मा ने विभागवार प्रगति की जानकारी दी। बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सी.आर.मीना सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

पशुपालन के उत्थान और राज्य के आर्थिक सुदृढ़ीकरण के लिए ली शपथ

अजमेर । केन्द्रीय प्रवर्तित योजना ‘ एस्केड ’ के अन्तर्गत चल रही दो दिवसीय सेमीनार में संभाग अजमेर के 70 पशु चिकित्सकों ने पशु संवर्धन पशु रोग नियंत्रण और पोषण की नवीनतम् तकनीकों के माध्यम से पशुपालन व्यवसाय और राज्य के आर्थिक सुदृढ़ीकरण के लिए शपथ ली।

देश की दसवीं पंचवर्षीय योजना से प्रारम्भ ‘ एस्केड ’ में 75 प्रतिशत वित्तीय सहायता केन्द्र द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है। सूचना केन्द्र में आयोजित दो दिवसीय एस्केड सेमीनार के विषय पशु रोग नियंत्राण व पशु पोषण की नवीनतम तकनीकों पर राज्य स्तरीय वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों के द्वारा प्रस्तुत व्याख्यानों एवं प्रेजेन्टेशनस पर आधारित रहे।

विभागीय अतिरिक्त निदेशक पशुपालन डॉ. प्रभुदयाल ने जानकारी दी कि सेमीनार के द्वितीय दिवस तकनीकी सत्रा में ‘ काजरी ’ (सेन्ट्रल एरिड जोन रिसर्च इन्स्टीट्यूट) जोधपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बसंत कुमार माथुर, बीकानेर के कॉलेज ऑफ वेटिरिनरी एंड एनिमल साईन्स के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. त्रिभुवन शर्मा एवं डॉ. ए.पी.सिंह ने नवीनतम् तकनीकों के बारे में बताया।

काजरी के वैज्ञानिक डॉ. माथुर ने पशु उत्पादन के लिए नवीनतम् वैज्ञानिक विधियों के माध्यम से रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए मरूभूमि में उपलब्ध फसलों के उपयोग पर रोचक प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत किया। तुम्बा, कुम्बट, अरडू, खेजड़ी, बोरड़ी आदि रेगिस्तानी पादपों से सस्ता व पोषक पशु आहार कैसे तैयार किया जाये और उससे कैसे आर्थिक लाभ प्राप्त किया जाये इस पर जानकारी दी।
डॉ. त्रिभुवन शर्मा ने रोगी पशुओं के पोषण पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने शल्य चिकित्सा के पश्चात् पशुओं के विशिष्ट रख-रखाव और पोषण के तरीकों पर फोटोग्राफ्स भी दिखाए। डॉ. ए.पी.सिंह ने अपने व्याख्यान के माध्यम से पशुओं की पेट सम्बन्धी बीमारियों के परिप्रेक्ष में आर्थिक हानि को रेखांकित करते हुए बाह्य व आंतरिक परजीवियों के विभिन्न प्रजातियों और परजीवियों जनित रोगों के उपचार की नवीनतम् तकनीकों, निदान पर बल दिया।

सेमीनार के अन्तिम सत्रा में प्रतिभागी पशु चिकित्सकों ने नवीन तकनीकों के माध्यम से पशु संवर्धन व रोग नियंत्राण पर शंका समाधान एवं विचार व्यक्त किए। दो दिवसीय सेमीनार का संयोजन डॉ. शुभेन्दु दीक्षित व डॉ. वीरेन्द्र गांधी ने किया एवं मंच संचालन डॉ. नीरजा सांधू एवं डॉ. विश्वास कुमार ने किया।

 

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