अजमेर । उत्तर विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी ने आज राजस्थान विधान सभा में नियम 295 के अन्तर्गत अजमेर के जनाना अस्पताल में कलेवा वितरण नहीं किये जाने का मामला उठाते हुए राज्य सरकार से मांग की कि प्रसूताओं को पौष्टिक कलेवा वितरण कराये जाने की व्यवस्था शीघ्र प्रारम्भ कराते हुए इस योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने वाले दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही किये जाने की मांग की।
देवनानी ने विधान सभा में सरकार का ध्यानाकर्षण करते हुए बताया कि प्रदेश में कलेवा योजना प्रारम्भ हुए तीन वर्ष हो चुके है, परन्तु अजमेर का जनाना अस्पताल जहंा अजमेर शहर ही नहीं बल्कि आस-पास के गांवों व सम्भाग के अन्य जिलों से भी महिलाऐं प्रसव एवं उपचार हेतु आती है। उन्होने कहा कि इतने बड़े चिकित्सालय में ऐसी महत्वपूर्ण योजना का क्रियान्वायन न हो पाना तथा स्थानीय महिला एवं बाल विकास द्वारा इस सम्बंध में बरती गयी लापरवाही व अनियमितताओं का सरकार व उच्च अधिकारियों की नजर में नहीं आना विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
देवनानी ने कहा कि तीन वर्ष में लगभग 32000 प्रसूताओं को सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ नहीं मिल सका है। गत दिनों इस सम्बंध में समाचार पत्रों में खबरें छपी है परन्तु उसके बाद भी विभाग व सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जाना विचारणीय विषय है।
संलग्न – नियम 295 के अन्तर्गत सदन में पढ़े गये पत्र की प्रति.
2. सरकार ने सम्प्रेक्षण गृह, किषोर गृह व अपचारी बालिका गृह में बच्चों को मनोचिकित्सक, अध्यापन, भ्रमण व व्यवसायिक प्रषिक्षण के लिए किया बजट आवंटन, कर्मचारियों को दिलाया प्रषिक्षण परन्तु बच्चों को लाभान्वित नहीं किया गया – अजमेर में आवंटित बजट भी नहीं किया जा सका खर्च – विधान सभा में देवनानी द्वारा पूछे गये तारांकित प्रष्न के जवाब में बताया सरकार ने
अजमेर उत्तर विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी ने आज विधान सभा में तारांकित प्रष्न के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा संचालित सम्प्रेक्षण गृह, किषोर गृह एवं अपचारी बालिका गृह में बच्चों को मनोचिकित्सक, अध्यापक कार्य, भ्रमण कार्य व व्यवसायिक प्रषिक्षण के लिए सरकार के प्रावधान, गत पांच वर्षो में सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये बजट एवं इसके लिए प्रषिक्षण प्राप्त करने वाले कर्मचारियों एवं प्रषिक्षण पर व्यय की गयी राषि के सम्बंध में सवाल पूछा।
सरकार द्वारा इस सम्बंध में प्राप्त जवाब से यह स्पष्ट होता है कि इस योजना में भले ही सरकार द्वारा बजट आंवटित किया गया हो, कर्मचारियों को प्रषिक्षण भी दिलाया गया हो परन्तु उसका लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है।
अजमेर में राज्य सरकार द्वारा संचालित सम्प्रेक्षण गृह, राजकीय अपचारी बालिका गह, राजकीय विषेष गृह अजमेर हेते सरकार द्वारा गत पांच वर्षो (2007-08 से 2011-12 तक) मनोचिकित्सक हेतु 1 लाख 97 हजार रूपये का बजट आंवटित किया गया जिसमें से 13376 रू. खर्च हुए एवं अध्यापन कार्य हेतु मात्र 4844 रूपये का बजट मिला जोकि पूरा खर्च हो गया परन्तु भ्रमण कार्य हेतु 1 लाख 19 हजार रूपये के बजट में से एक रूपया भी खर्च नहीं हो पाया। इसी प्रकार व्यवसायिक प्रषिक्षण हेतु 18 लाख 20 हजार 2 सौ रूपये के आवंटित बजट में से मात्र 9 लाख 17 हजार 765 रूपये खर्च किये गये।
सरकार द्वारा उक्त योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु विभिन्न प्रषिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जिन पर लाखों रूपये खर्च किये गये जिसमें उक्त गृहों के अधीक्षकों ने प्रषिक्षण प्राप्त किया।
3. सार्वजनिक निर्माण विभाग ने चार वर्षो में सड़कों की नहीं ली सुध- रखरखाव व पेच वर्क पर नाम मात्र की राषि खर्च- शहर की सड़कों का है बुरा हाल- विधान सभा में देवनानी के अतारांकित प्रष्न के जवाब में झलकी हकीकत
अजमेर उत्तर विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी ने आज विधान सभा में अतारांकित प्रष्न के माध्यम से राज्य सरकार से सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा अजमेर जिले में बनायी गयी सड़कों व उनके रख-रखाव के सम्बंध में जानकारी मांगी।
सरकार द्वारा प्राप्त जवाब के अनुसार अजमेर शहर की सड़को के नवीनीकरण पर 2008-09 से 2010-11 तक तीन वर्षो में मात्र 10.61 लाख रू. खर्च किये गये जबकि पेच वर्क पर 42.26 लाख रूपये खर्च किये गये। तीन वर्ष तक अजमेर शहर की सड़कों पर कोई ध्यान नहीं देकर सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2011-12 में नवीनीकरण पर 367.68 लाख रूपये तथा पेच वकगर्् पर 69.53 लाख रूपये खर्च किये है।
देवनानी ने कहा कि गत भाजपा सरकार के समय शहर की सभी प्रमुख सड़कों का निर्माण हमने करवाया था परन्तु यह सरकार में इन सड़कों की देखरेख व मरम्मत भी ठीक से नहीं करवा पा रही है। आंकड़े बताते है कि गत चार वर्षो में ना तो सड़क निर्माण पर विभाग ने कोई बड़ी राषि खर्च की है और ना ही पेच वर्क पर। जबकि बारिष व अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों से शहरवासी परेषान होते रहे है। आज भी आनासागर लिंक रोड़, माकड़वाली रोड़, पुष्कर रोड़, फायसागर रोड़, स्टेषन रोड़, कचहरी रोड, रामप्रसाद घाट-बाईपास मार्ग़ सहित शहर की कई प्रमुख सड़के क्षतिग्रस्त है, परन्तु सरकार इनके पेच वर्क तक का बजट उपलब्ध नहीं करवा पा रही है। जहंा पेच वर्क हुआ भी है तो इतना घटिया कि चन्द दिनों बाद ही उखड़ चुका है।
नियम 295 के अन्तर्गत सदन में पढ़े गये पत्र की प्रति
सचिव
राजस्थान विधान सभा
जयपुर।
विषयः- विधान सभा कार्य संचालन एवं प्रक्रिया के नियम 295 के अन्तर्गत
‘‘अजमेर के राजकीय महिला चिकित्सालय (जनाना अस्पताल) में प्रसूताओं
को कलेवा योजना का लाभ नहीं मिलने‘‘ के सम्बंध में विषेष उल्लेख।
अजमेर स्थित राजकीय महिला चिकित्सालय जिसे जनाना अस्पताल के नाम से भी जाना जाता है। इस अस्पताल में अजमेर शहर के अतिरिक्त आस-पास के गावों सहित सम्पूर्ण सम्भाग से बड़ी संख्या में महिलाऐं प्रसव एवं अन्य ईलाज के लिए आती है।
लगभग तीन वर्ष पूर्व महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रसूताओं व नवजात षिषुओं के अच्छे स्वास्थ के लिए उन्हें पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के उद्धेष्य से ‘कलेवा योजना‘ प्रारम्भ की गयी थी, परन्तु गत दिनों मुझे यह जानकर अत्यन्त आष्चर्य हुआ कि सरकार की इतनी महत्वपूर्ण योजना अजमेर के ‘‘जनाना अस्पताल‘‘ में आज तक प्रारम्भ ही नहीं हुई है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की अनदेखी एवं लापरवाही के कारण इतने बड़े महिला अस्पताल में तीन वर्ष की अवधि में लगभग 32 हजार प्रसूताओं को पौष्टिक कलेवा नहीं मिल सका। इस सम्बंध में विभाग के स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही तो साफ-साफ दिखाई दे रही है, परन्तु इतनी भारी अनियमितता का पता विभाग के उच्चाधिकारियों को नहीं लग पाना भी विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रष्नचिन्ह उत्पन्न करता है।
गत दिनों उक्त अस्पताल में कलेवा योजना प्रारम्भ नहीं किये जाने के सम्बंध में समाचार पत्रों में भी बड़ी खबरें छपी थी, परन्तु उसके बाद भी अभी तक विभाग नहीं चेता। आज भी वहंा पर प्रसूताओं को कलेवा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। आम जनता एवं सरकार की जानकारी में आने के बाद भी विभाग द्वारा इस सम्बंध में कोई कदम नहीं उठाया जाना अत्यन्त विचारणीय है।
अतः मेंरा आग्रह है कि सरकार इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाकर इस महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने के लिए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करावे साथ ही अस्पताल में भर्ती होने वाली प्रसूताओं को योजनानुसार पौष्टिक कलेवा उपलब्ध हो सके, इसकी व्यवस्था तत्काल सुनिष्चित करावे।
धन्यवाद।
– प्रो.वासुदेव देवनानी
विभाजन संख्या- 168