प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं पर लगाये आरोप

Vasudev-Devnaniअजमेर। अजमेर उत्तर विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी ने सरकार पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया है। उनके द्वारा राजस्थान विधान सभा में पूछे गये एक प्रश्न के जवाब में सरकार ने आज यह जानकारी उपलब्ध करायी कि स्वास्थ्य सम्बंधी विषयों पर परिवार में सम्पर्क कर आवश्यक परामर्श उपलब्ध कराने जैसे महत्वपूर्ण कार्य में लगी आशा सहयोगिनियों के वर्तमान में प्रदेश में 10 हजार पद रिक्त पड़े है। अकेले अजमेर जिले में 304 पद वर्तमान में रिक्त चल रहे है। देवनानी के अनुसार उनके प्रश्न के जवाब में सरकार ने यह भी जानकारी दी है कि वर्तमान में प्रदेश में 44952 आशा सहयोगिनियां कार्यरत है जबकि सरकार द्वारा इनके लिए वर्ष 2011-12 में 7373 तथा 2012-13 में 2677 प्राथमिक उपचार किट खरीद कर उपलब्ध करवाये गये है। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि सरकार प्राथमिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति कितनी गम्भीर है।
उन्होंने बताया कि आशा सहयोगिनियों को महिला बाल विकास व चिकित्सा विभाग दोनों के साथ काम करना पड़ता है। परिवारों में सम्पर्क कर स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर परामर्श देना, गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच व टीके लगवाना व प्रसव पश्चात देखभाल करना, गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाना, महिला-पुरूषों को नसबन्दी के लिए प्रेरित करना, बच्चों के टीकाकरण आदि कार्यो में आशा सहयोगिनियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इन कार्यो के लिए इन्हें मानदेय के अतिरिक्त प्रेरक राशि दिये जाने का भी प्रावधान है परन्तु महिला बाल विकास व चिकित्सा विभाग के बीच आपसी सामंजस्य नहीं होने के कारण इनकों देय प्रेरक राशि का काफी हिस्सा प्रायः काट दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि अजमेर जिले में वर्ष 2009-10 के बाद प्रसव पूर्व एवं बाद में आशा सहयोगिनियों द्वारा कराये जाने वाले टीकाकरण पर मिलने वाली प्रेरक राशि का भुगतान सरकार ने नहीं किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि आशा सहयोगिनियों से सामूहिक बीमा की जो राशि काटी जाती है उसका विभाग के पास कोई रिकार्ड नहीं है तथा सेवानिवृत आशा सहयोगिनियों को इसका पैसा नहीं लौटाया जा रहा है।

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