सरवाड़। आचार्य विद्यासागर जी के शिष्य दिगंबर जैन संत एवम जंगल वाले बाबा के नाम से विख्यात मुनि चिन्मय सागर जी महाराज के सान्निध्य में गुरूवार को आदिनाथ जयंती का हर्षोल्लास के साथ आयोजन किया गया। आदिनाथ नवयुवक मंडल के अध्यक्ष अमित कुमार जैन ने बताया की महाराज के सान्निध्य में 4 अप्रैल को आदिनाथ भगवान का जन्म महोत्सव व वार्षिक मेले का आयोजन किया गया। महोत्सव के अंतर्गत गुरूवार तक आदिनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक तक विधान पूजन हुआ। उसके पश्चात भव्य शोभायात्रा आदिनाथ मंदिर से प्रारम्भ हुयी ए जो सदर बाज़ार एबस स्टैंड होती हुयी पथवारी माता के स्थान पर पहुँची । इस पावन अवसर पर निकली शोभायात्रा में समाज के युवक एवम बालक हाथों में ध्वज लेकर घोड़ीयो पर अग्रसर के रूप में चल रहे थे। उसके पश्चात कन्या भ्रूण हत्याए सुमेर पर्वत एवम जैन समाज से सम्बन्धित अनेक आकर्षक एवम मनमोहक झांकिया चल थी । इनके पीछे जैन समाज के नर.नारी नारे लगाते हुए नाचते.गाते हुए चल रहे थे। इनके बाद मुनि चिन्मय सागर श्रावको के साथ धर्म प्रभावना करते हुए चल रहे थे। अंत में आदिनाथ भगवान की मूर्ति रथ पर सुशोभित होते हुयी चल रही थी । इस विशाल शोभायात्रा का शहर में विभिन्न जगहों पर पुष्पवर्षा एवम बैनरएहोर्डिंग्सएस्वागत गेट अदि लगाकर स्वागत किया गया । अंत में शोभायात्रा पथवारी माता के स्थान पर पहुँची ए जहाँ मुनि द्वारा प्रवचन दिया गया। धर्मसभा में दिगम्बर जैन समाज द्वारा आगन्तुको एवम पदाधिकारियों का स्वागत.अभिनन्दन भी किया गया । यहाँ पर किरण शास्त्री एंड पार्टी द्वारा सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी गयी । मुनि ने अपने प्रवचन में भगवान आदिनाथ के जीवनकाल एवम उनके द्वारा की गयी धर्माराधना पर विस्तृत प्रकाश डाला। इस अवसर पर अन्यत्र गाँवो एवम शहरो के व्यक्तियों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। समाज के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी लोगो को धन्यवाद ज्ञापित किया ।
उज्ज्वल जैन