अजमेर। हजारों महिला पुरूष रेलकर्मियों को एक उद्योग में एक युनियन का नारा नोर्थ वेस्टर्न रेल्वे एम्पलोईज युनियन के मण्डल महामंत्री मुकेश माथुर ने देते हुए एआईआरएफ को मान्यता दिलवाने का आहवान किया। कामरेड माथुर शुक्रवार को केरिज कारखाने पर आयोजित आम सभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि रेल कर्मचारियों के सामने कई चुनोतियां है। सरकार रेल्वे से नॉन कोर एक्टीविटी जैसे आरपीएफ, रेल्वे अस्पताल, स्कूल और कारखानों को बंद करने पर उतारू है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार विशाखापटनम अधिवेशन में 38 सूत्रिये मांगे मानती है तो ठीक यदि नहीं मानती तो मई जून में हड़ताल का नोटिस दिया जाएगा और जुलाई अगस्त में पूरे भारत में रेल हड़ताल की जायेगी।सभा को यूनियन के अन्य पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया और एनडब्ल्यूआरईयू को मजबूत बनाने की मांग की।
वहीं उत्तर पश्चिम रेलवे मजदूर संघ की चुनावी सभा रेल्वे के जनरल स्टोर के बाहर आयोजित करते हुए संध के नेताओं ने कहा कि एनएफआईआर ने रेलों में श्रम आन्दोलन चलाकर रेलकर्मचारियों में अच्छी संस्कृति बनाये रखी हैं। रेल कर्मचारियों के वेतन व भत्तों में बढ़ोत्तरी के लिए पिछले 6 केन्द्रीय वेतन आयोगों के सामने एनएफआईआर ने प्रभावशाली ढ़ग से उठाया, जिसमें एनएफआईआर को सफलता भी प्राप्त हुई।
मण्डल अध्यक्ष-धर्मेन्द्र गौतम ने बताया कि अजमेर मण्डल में पुराने रेलवे आवासों को पीएनएम के माध्यम से दुरूस्त कराया। आवासों में नही रहने के बावजूद आवास किराये व बिजली में हो रही कटौती को रूकवाया और एच.आर.ए का भुगतान कराया। आधार कार्ड की महत्ता को देखते हुए मजदूर संघ कार्यालय में रेल कर्मचारी व उनके परिवार के सदस्यों के लिए निषुल्क आधार कार्ड बनवाये गये।
उत्तर पश्चिम रेल्वे कर्मचारी संघ ने लगातार 14 सालो तक कानूनी लडाई लड कर मान्यता का हथियार रेल्वे बोर्ड से छिंन कर कर्मचारियो के हाथों में दिलवा दिया। इसी का नतिजा है कि पिछले चुनावो में इन संघो केा कई जोन में हार का मुंह देखना पड़ा। एनडब्ल्यूआरईयू और यूपीआरएमएस ने मान्यता के हो रहे चुनावो में अपनी पूरी ताकत झौंक दी है। इन संघो ने मान्यता का फायदा चंद लोगो केा देकर चमचों की एक फौल खडी कर ली है। उसी फौज की गुंडागर्दी के दम पर पूरे जोन में भय का वातावरण बना रखा है। यह कहना है संघ के अध्यक्ष पीसी सैनी का। सैनी ने शुक्रवार केा जोंसगंज में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि दोनो यूनियनो के द्वारा करोडों रू के जबरन वसूले गये चंदे से पूरे कारखानो और स्टेशन केा होर्डिंग बैनर और पोस्टरो से पाट दिया है। कर्मचारियो के खूनपसीने की कमाई को यूं पानी की तरह बहाने से कर्मचारियों में इन संघो के खिलाफ नाराजगी व्याप्त हो गयी है।