अजमेर । सुन्दर लेखन ना सिर्फ हमारे व्यक्तित्व की पहचान है बल्कि वर्तमान में इस क्षेत्र में कॅरियर भी बनाया जा सकता है इसी सोच को विकसित करने व अजमेर वासियों को कैलिग्राफी विद्या में निपुण बनाने के लिए संस्कृति द् स्कूल में 10 दिवसीय ( दिनांक – 01 मई से 10 मई, 2013 तक ) कार्यशाला विधिवत प्रारम्भ हुई । कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती किरण सोनी गुप्ता (संभागीय आयुक्त, अजमेर) ने सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर कार्यशाला का उद्घाटन किया तथा उपस्थित सभी लोगों को सुलेखन के लिए प्रेरित करते हुऐ कहा कि लेखन कला का विकास होना चाहिए। प्राचीन समय में उर्दू, परशियन, रोमन में कैलिग्राफी का सुन्दर प्रयोग किया जाता था । मशीनीकरण ने मानव की भावनाओं को प्रभावित किया है। नई पीढ़ी को कैलिग्राफी सीखना चाहिए । कार्यक्रम में वरिष्ठ चित्रकार कलाविद राम जैसवाल ने कहा कि कला आत्मिक सुख है यह जीवन का परिचय है । संक्रमण के इस दौर में जब क्रत्रिमता हम पर हावी हो गई है कला की जिम्मेदारी बनती है कि वह हमारी संवेदनशीलता को परिष्कृत करे । मनुज को मनुष्य से जोड़ना कला का उद्देष्य होना चाहिए। कार्यशाला में हरिशकर, खुर्शीद आलम, जफर रजा खांन ने अपनी कला का प्रदर्शन कर सभी को मंत्रमुग्ध किया । संस्कृति द् स्कूल के निर्देशक मुकेश गोयल ने सुलेखन पर अपने विचार रखे तथा प्राचार्य अमरेन्द्र मिश्रा ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा श्रीमती शाष्वती घोष, उप प्राचार्या (सांस्कृतिक कार्यक्रम) ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।