अजमेर। 1990 से पाकिस्तान की जेल में घुट-घुट कर मर रहे भारतीय नागरीक सरबजीत सिंह को आखिर सूनियोजित तरीके से पाकिस्तान सरकार ने मार डाला। 26 अप्रैल को जेल में कैदियों द्वारा सरबजीत पर किये गये जानलेवा हमले के बाद उसके शरीर को जिन्ना अस्पताल में वेन्टिलेटर पर रखकर जिन्दा बताया गया और भारत सरकार सहीत सरबजीत के परिवार वालो को धोखे में रखा। आखिर सच्चाई बुधवार रात बताई गयी कि सरबजीत ने आखिरी सांस ली है। इस खबर से पूरे देश में पाकिस्तान के रवैये के प्रति गुस्सा बढ़ गया और गुरूवार सुबह अनेक संगठनो और नागरिको ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए पाकिस्तान का पुतला जलाकर चेतावनी दे डाली कि पाकिस्तानियों को अजमेर मे नही घूसने देंगें।
राष्ट्ररक्षा संकल्प समिति, बजरंग दल, शिव सेना, भारतीय युवा संगठन, विश्व हिन्दू परिषद, युवा मोर्चा आदि कई संगठनो के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओ ने गुस्से और आक्रोश के साथ कलेक्ट्रेट के बाहर पाकिस्तान का पुतला जलाकर भारत सरकार के खिलाफ गुस्सा व्यक्त करते हुए कलेक्टर को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि सरबजीत को शहीद का दर्जा दिया जाये और पाकिस्तान को सबक सीखाने के लिए उसे शत्रु राष्ट घोषित करें। उन्होनें चेतावनी दी कि भारत में पाक नागरिकों के आने पर प्रतिबंध लगाया जाये। उर्स में पाक़ ज़ायरीनो को अजमेर आने की अनुमति न दी जाये।
गुरूवार दोपहर भारतीय जनता युवा मोर्चा के ज़िला अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह शेखावत और महामंत्री रंजन शर्मा के साथ अल्पसंख्यक मोर्चा के युवाओ ने कलेक्ट्रेट के बाहर पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज को ज़मीन पर पटकते हुए उसे जूतों से रोंदा और आग के हवाले कर अपने गुस्से का इजहार किया। युवाओं ने चेतावनी दी है कि भारत की इंटेलिजेंस को ये खबर प्रशासन पहुंचा दे कि वो केन्द्र को इस गुस्से से अवगत करा दे कि ख़्वाजा साहब के उर्स में पाकिस्तानी ज़ायरीनो को किसी भी हालत में अजमेर की ज़मीन पर पैर रखने नही दिया जायेगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रो ने भी गुस्से का इजहार करते हुए पाकिस्तान के पुतले को जलाया और केन्द्र सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। एबीवीपी के पदाधिकारी नरेश चौधरी ने बताया।
दरगाह दिवान सयैद जैनुल आबेदीन अली खान ने सरबजीत की मौत पर दुख जताते हुए उसके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। सरबजीत की मौत के बाद पत्रकारो का बयान जारी कर दिवान ने बताया कि पाकिस्तान की खुफिया ऐजेंसी आईएसआई का मंसुबा सरबजीत की हत्या करवाकर भारत में साम्प्रदायिक माहौल खराब कर अस्थिरता पैदा करना था इसलिये पाक के इस नापाक उद्देश्य को नाकाम करने के लिए भारत के नागरिको को ऐसी परिस्थिति में साम्प्रदायिक सौहार्द का परिचय देते हुए पाक को मुंह तोड जवाब देना चाहिए। उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि आईएसआई के इस अमानवीय करतूत को अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकारी आयोग के सामने उठाकर इस घिनोने कारनामे के जिम्मेदार लोगो के खिलाफ सख्त कार्यवाही करे। उन्होने मुस्लिम धर्म गुरू की हेसीयत से दुनिया के तमाम इस्लामिक देशो से इस मसले पर पाकिस्तान की निंदा करने की अपील की है।
पाकिस्तान की इस घिनोनी करतूत पर अकेले अजमेर ही नही पूरे देशभर में गुस्सा है। वहीं धर्म गुरूओं और राजनेताओ सहित मंत्रियो ने भी अपने बोलबचन से पाकिस्तान को मानव अधिकारो के हनन का जिम्मेदार ठहराते हुए उसके द्वारा किये गये इस कायरता पूर्ण काम की कडे शब्दों में निंदा की है।