ख्वाजा साहब के 801 वें सालना उर्स की मजहबी रसूमात

dargaah deevan 6अजमेर। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 801 वें सालना उर्स की मजहबी रसूमात चांद दिखने के साथ 10 या 11 मई से शुरू हो जाऐंगी जिनकी सदारत ख्वाजा साहब के वंशज एवं सज्जादानशीन दीवान सैय्यद ज़ैनुल आबेदीन अली खान परम्परागत रूप से करेंगे।
दरगाह दीवान के जांनशीन एवं सचिव सैय्यद नसीरूद्दी चिश्ती ने 801 वें उर्स का कार्यक्रम जारी करते हुऐ बताया कि शुक्रवार या शनीवार को चांद दिखने के बाद दरगाह स्थित महफिल खाने में उर्स की पहली महफिल होगी महफिल खाने में आयोजित यह रस्म उर्स में होने वाली प्रमुख धार्मिक रस्मों में से एक प्रमुख रस्म है। दरगाह दीवान परम्परा के अनुसार इसकी सदारत करेंगे इसमें देश की विभिन्न खानकाहों के सज्जादानशीन, सूफी, मशायख सहित खासी तादाद में जायरीने ख्वाजा मोजूद रहेंगे। इसके अलावा देशभर से आऐ कव्वाल फारसी व हिन्दी में सूफीमत के प्रर्वतकों द्वारा लिखे गऐ कलाम पेश करेंगे।
महफिल के दौरान मध्य रात्री सज्जानशीन दीवान सैय्यद ज़ैनुल आबेदीन अली खान, उर्स के दोरान ख्वाजा साहब के मजार पर आयोजित होने वाली गुस्ल की प्रमुख रस्म करने आस्ताना शरीफ में जाऐंगे जहां उनके द्वारा मजार शरीफ को केवड़ा व गुलाब जल से गुस्ल दिया जाकर चंदन पेश किया जाएगा। गुस्ल की यह धार्मिक रस्म 5 रजब तक निरंतर जारी रहेगी। इसी प्रकार महफिल खाने में महफिले समा छः रजब यानी कुल के दिन तक बदस्तूर जारी रहेगी।
उन्होने बताया कि 5 रजब को दीवान सैय्यद ज़ैनुल आबेदीन अली खान की सदारत में ही ख़ानकाह शरीफ (ख्वाजा साहब के जीवन काल में उनके बैठने का स्थान) में दोपहर 3 बजे कदीमी महफिले समा होगी जो शाम 6 बजे तक चलेगी जिसमें देश की विभिन्न प्रमुख दरगाहों के सज्जादानशीन भाग लेंगे महफिल के बाद यहां विशेष दुआ होगीऔर सज्जादनशीन साहब दस्तूर के मुताबिक देश के समस्त सज्जादगान की मोजूदगी में गरीब नवाज के 801 वे उर्स की पूर्व संध्या पर खानकाह शरीफ (मठ) (जहां गरीब नवाज अपने जीवन काल में उपदेश दिया करते थे) से अवाम/जायरीने ख्वाजा के नाम संदेश (दुआनामा) जारी करेंगे।
उर्स के समापन की रस्म कुल की रस्म के रूप में 6 रजब को होगी जिसके तहत प्रातः महफिल खानें में कुरआन ख्वानी की जाकर 11 बजे कुल की महफिल का आगाज होगा और कव्वालों द्वारा रंग और बधावा पढ़ा जाऐगा तथा दोपहर 1 बजे मोरूसी फातेहाखां द्वारा फातेहा पढ़ी जाऐगी यहां दरगाह दीवान को खिलत पहनाया जाकर दस्तारबंदी की जाऐगी। महफिल खाने से दीवान सैय्यद ज़ैनुल आबेदीन अली खान अपने परिवार के साथ आस्ताने शरीफ में कुल की रस्म अदा करने जाऐंगे वे जन्नती दरवाजे से आस्ताना शरीफ में प्रवेश करेगे उनके दाखिल होने के बाद जननती दरवाजा बंद कर दिया जाऐगा। आस्ताने में कुल की रस्म होगी जिसमें फातेहा होगी ओर दरगाह दीवान की दस्तारबंदी की जाएगी दीवान सैय्यद ज़ैनुल आबेदीन अली खान आस्ताने से खानकाह शरीफ जाऐंगे जहां कदीम रस्म के मुताबिक अमला शाहगिर्द पेशां ( मौरूसी अमले ) सहित देश भर की दरगाहों से आऐ सज्जादगान एव्र धर्म प्रमुखों की दस्तारबंदी करेंगे।
इस अवसर पर देशभर से आऐ फुकरा (फकीर) दाग़ोल की रस्म अदा करगे जिनके सरगिरोह की दस्तारबंदी भी दीवान साहब द्वारा की जाऐगी। कुल की रस्म के साथ गरीब नवाज के 801 वें उर्स का ओपचारिक रूप से समापन हो जाऐगा।
-सैय्यद नसीरूद्दीन चिश्ती
जांनशीन एवं सचिव
सज्जादा नशीन,दरगाह दीवान साहब
दरगाह हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेर

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