कोर्ट लिपिक भर्ती धांधली की हो न्यायिक जांच

Rajesh Tandon 3जिला न्यायालय में लिपिक भर्ती में हुई धांधली व एसीबी द्वारा दर्ज मुकदमे में एसीबी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश टंडन ने प्रकरण की न्यायिक जांच कराए जाने की मांग की है। इसके साथ ही टंडन सहित दो अन्य वकीलों की राजस्थान बार कौंसिल द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में भी न्यायिक जांच का आग्रह किया है।
जिला बार के अध्यक्ष और बार कौंसिल की ओर से गठित कमेटी के सदस्य राजेश टंडन ने बताया कि लिपिक भर्ती में धांधली में जिस तरह का घटनाक्रम सामने आया है, उससे न्यायपालिका की गरिमा को आघात पहुंचा है। उन्होंने कहा कि एसीबी की ओर से इस प्रकरण में यह प्रचारित करवाया गया कि तत्कालीन जिला जज के आवास और कार्यालय में जांच के लिए एसीबी को अनुमति नहीं दी गई। किंतु एसीबी ने आज तक उन अधिकारियों का नाम नहीं बताया है जिसने एसीबी को कार्रवाई से रोका हो। इससे एसीबी की निष्पक्षता संदेह के घेरे में है। टंडन का यह भी कहना है कि वकील भगवान सिंह चौहान को प्रकरण में लिप्त बताया गया है, जबकि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। चौहान इस मामले के खुलासे से पहले थानों से मंथली वसूली मामले में आरोपी लोकेश सोनवाल के वकील थे। चौहान का फोन सर्विलांस पर रखकर उनकी बातचीत रिकार्ड करवाई गई, जबकि वकील व मुवक्किल के बीच हुई बातचीत को रिकार्ड करवाया जाना संवैधानिक अधिकारों का हनन है।
इसी मुद्दे को लेकर बार कौंसिल ने टंडन सहित किशन गुर्जर व भवानी सिंह शक्तावत की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। टंडन के अनुसार तीनों कमेटी सदस्यों ने बार कौंसिल को सौंपी रिपोर्ट में भी न्यायिक जांच का आग्रह किया है।

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