चन्द्रवरदाई सी ब्लॉक मन्दिर प्रांगण में निःशुल्क योग शिविर का संचालन

6-5-2013 01 p 6-5-2013 02 pअजमेर। प्राण ही जीवन का आधार है। प्राण ही ब्रह्म है तथा यह ब्रह्ममुहूर्त में ही सबसे सक्रिय और निर्मल होता है इसलिए प्रत्येक मनुष्य को ब्रह्ममुहूर्त में ही उठना चाहिए। ब्रह्ममुहूर्त की वेला में प्राणवायु सर्वाधिक होती है तथा यही प्राणवायु रक्त के साथ मिलकर असाध्य रोगों का भी उपचार कर देती है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को प्रातः योग एवं प्राणायाम अवश्य करना चाहिए। उक्त विचार पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी भवदेव शास्त्री ने चन्द्रवरदाई नगर स्थित सी ब्लॉक में इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर पर आयोजित निःशुल्क योग शिविर के अवसर पर योग का प्रशिक्षण प्रदान करते हुए व्यक्त किए। उक्त शिविर प्रातः 5.15 से 6.30 तक चल रहा है।

उन्होंने साधकों का आह्वान किया कि वे यदि फैंफड़ों की मजबूती, हृदय की सक्रियता, लीवर, किडनी तथा पेन्क्रियाज़ की क्रियाशीलता चाहते हैं तो योग एवं प्राणायाम को जीवन का आवश्यक अंग बनाना होगा। उन्होंने मल के कुपित हो जाने को भयंकर बीमारी बताया जिससे कब्ज, एसिडीटी तथा गैस जैसी बीमारियों से लेकर कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है। अतः रेशायुक्त आहार लेते रहने से पेट संबंधी कोई बीमारी नहीं होती। आज के अभ्यासों के साधकों को भस्रिका, कपालभाति, अनुलोम विलोम, भ्रामरी तथा उद्गीत प्राणायाम कराए गए तथा मण्डूक आसन, वज्रासन, शशकासन, पवनमुक्त आसन, नौकासन, अर्द्धहलासन आदि के अभ्यास कराए गए।
शिविर के दौरान योग प्रशिक्षक मोहनदास टिलवानी, सुशांत ओझा, भवानी शंकर ने भी शिविरार्थियों को योगाभ्यास के दौरान मार्गदर्शन प्रदान किया।
उक्त शिविर का समापन रविवार 9 जून को किया जाएगा।
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