भूमिहीन किसान संघर्ष समिति का आमरण अनशन चालु

bhumihin 01 bhumihin 0224 से 30 जून तक भूमिहीन किसान संघर्ष समिति ने अपनी 260 बीघा भूमि की दौबारा अवाप्ती केा लेकर क्रमिक धरना दिया और 1 जुलाई से शासन प्रशासन के उपेक्षापूर्ण व्यवहार के चलते तीन वरिष्ठ किसान आमरण अनशन पर बैठ गये। मंगलवार को 24 घंटे से भी ज्यादा समय गुजरने के बाद प्रशासन का एक भी नुमाइंदा अनशनकारीयों की सुध लेने नही पहुंचा। हां चिकित्सकेा को भेज कर अनशन पर बैठे लोगो का स्वास्थ्य परिक्षण जरूर कराया गया। भूमिहीन किसान संघर्ष समिति के सदस्य राकेश गढ़वाल ने बताया कि साल 1946 में हुए सरकारी अनुबंध की शर्ताे के विपरीत भूमिहीन किसानो की अवाप्तशुदा 260 बीघा भूमि का कागजी संस्था की आड में चंद आर्य समाजियो द्वारा निजी लाभ उठाया जा रहा है। जिसमें उन्हें बेदखल कर शर्तो के अनुसार सरकार को दोबारा अवाप्त कर विवादित भूमि को सीज करनी थी लेकिन सरकार, शासन और प्रशासन ने भूमिहीन किसान संघर्ष समिति की पीड़ा केा नही समझा और अफसरशाही के विरोध में अशोक गहलोत के उपेक्षापूर्ण व्यवहार केा देखते हुए अब व्यथित किसानो ने सोमवार से आमरण अनशन शुरू कर दिया। किशन चौहान, गोर्वधन गुर्जर और इन्द्रराज दगदी आमरण अनशन पर बैठे हुए है।

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