रेशम भार्गव बनाम गौस मोहम्मद मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट नगर पूर्व द्वारा उक्त प्रकरण में राजस्व अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त कर 3 जुलाई को एक पुलिस निरिक्षक, एक उपनिरिक्षक, 20 कांस्टेबल और 10 महिला कांस्टेबल के जाप्ते के साथ कुन्दन नगर मदार टेकरी पर पिछले 11 सालों से चल आ रहे भूमि विवाद को निपटाने के आदेश दिये। बुधवार को जब आदेशों की पालना करने लवाजमा विवादित भूमि पर पहुंचा तो दुसरे पक्ष के लोगों ने किसी भी हालत में कब्रिस्तान के बीच से रास्ता नहीं देने का एलान करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। काफी देर चली जद्दोजहद के बाद आखिर अदालती अमले को पुलिस इमदाद प्रयाप्त नहीं होने का हवाला देकर उलटे पांव लोटना पडा। गौरतलब है कि 11 साल तक प्रार्थी सौभाग सिंह चौहान द्वारा लडी गयी अदालती लड़ाई के बाद ये फैसला आया है। जिसमें भूमाफियाआ और समाजकंटको के द्वारा कोई अड़चन न डाली जाये इसके लिए प्रार्थी को सुरक्षा अमला पुलिस लाइन से मुहैया कराने की ऐवज में 88 हजार 194 रूप्ये जमा कराने थे जो उसने कराये फिर भी कोई हल नहीं निकला।