मेहरूकलां में बजरी के अवैध दोहन पर फूटा गुस्सा

जमकर हुआ हंगामा,गाडियों में भी की तोडफ़ोड़
01-09-13 - 3-पीयूष राठी- केकड़ी। केकड़ी क्षेत्र ग्राम मेहरूकलां में रविवार को ग्रामीणों ने खारी नदी से नियमविरूद्ध बजरी के खनन करने व ओवरलोड वाहनों के वहां से गुजरने के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने खनन पर रोक लगाने के साथ ही वहां से गुजरने वाले ओरवलोड वाहनों को जप्त करने की मांग के साथ ही मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया तथा वाहनों में तोड़ फोड़ भी की। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया तथा ग्रामीणों से समझाईश की मगर ग्रामीण खनन पर रोक लगाने व ओवरलोड वाहनों को जप्त करने की मांग पर अड़े रहे। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने इसकी सूचना तुरंत उच्चाधिकारियों को दी जिसके बाद प्रशासन द्वारा जब आगामी आदेशों तक बजरी के खनन पर रोक लगा दी गई हैं तथा ओवररोड़ वाहनों के चालान भी काटे गये। खनन पर रोक लगाने तथा चालान काटने के बाद कहीं जाकर ग्रामीण शांत हुए और सड़क पर लगाया जाम खोला।
गौरतलब हैं कि खारी नदी से बजरी का दोहन पिछले लंबे समय से जारी हैं जिसके चलते ही जो भी ठेकेदार यहां से बजरी के दोहन का ठेका लेता हैं वह रातोंरात मुनाफा कमाने के चक्कर में सभी नियम कायदों की खुली धज्जियां उड़ाता हैं और यहां से बजरी का दोहन कर ओवरलोड वाहनों में भर कर भिजवाता हैं,जिससे ग्राम मेहरूकलां के साथ ही अनेकों गांवों व मुख्य कोटा-अजमेर राजमार्ग भी पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका हैं। हालांकि इससे पूर्व में भी यहां से दोहन का कार्य जारी था मगर रविवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और वे सड़कों पर आ गये और जमकर हंगामा किया। हंगामे की सूचना मिलते ही उपखण्ड अधिकारी केकड़ी हीरालाल मीणा,पुलिस उपाधीक्षक हरिमोहन शर्मा सहित तीन थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंची और मामला शांत करवाया। इसके साथ ही प्रशासन द्वारा ठेकेदार को धारा 133सीआरआर के तहत पाबंद करने के आदेश भी जारी किये गये हैं।

राष्ट्रीय सेवा योजना का एक दिवसीय शिविर संपन्न
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय केकड़ी में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना प्लस 2 इकाई के स्वयंसेवकों का प्रथम एक दिवसीय शिविर रविवार को संपन्न हुआ। कार्यक्रम अधिकारी याकूब अहमद ने बताया कि शिविर में भाग लेने वाले समस्त स्वयंसेवकों ने शिविर के प्रथम सत्र में विद्यालय की प्रताप वाटिका की सफाई की,वर्षाकाल में उगी हुई खरपतवार को हटाया तथा वाटिका के भीतर की दिवारों के सहारे बनी हुई क्यारियों को दुरूस्त किया।
अहमद ने बताया कि द्वितीय सत्र में कृषि वाटिका की खरपतवार को हटाकर साफ-सफाई की गई। अंत में रामदयाल कुमावत प्राध्यापक ने एनएसएस के उद्येश्यों पर प्रकाश डाला और स्वयंसेवकों को सच्ची निष्ठा से श्रम-साधना का संदेश दिया। शिविर में रामदयाल कुमावत,सुरेश कुमार लौहार का विशेष योगदान रहा।

यूथ कांग्रेस का प्रशिक्षण शिविर आयोजित
रविवार को शहर में यूथ कांग्रेस के विधानसभा के पदाधिकारियों का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में जवाहर लाल लीडरशीप इन्स्टीट्यूट नई दिल्ली से आये हुए मास्टर कोच अखिलेश पाण्डे और प्रणय रावत के नेतृत्व में कांग्रेस के इतिहास व विकास के बारे में बताया गया। इस अवसर पर यूथ विधानसभा अध्यक्ष रंगलाल गूर्जर सहित पदाधिकारी उपस्थित थे।

भारत जागो दौड़ 11 को
स्वामी विवेकानंद सार्ध शति समारोह समिति केकड़ी के तत्वावधान में 11 सितंबर को भारत जागो दौड़ का आयोजन किया जायेगा। कार्यक्रम प्रभारी प्रियंक दाधीच ने बताया कि स्वामी विवेकानंद के 160वें वर्ष जयन्ति के उपलक्ष में इस मैराथन दौड़ का आयोजन किया जायेगा। मैराथन दौड़ में 16 से 40 वर्ष की उम्र तक के छात्र-छात्रायें,युवा,महिलाऐं व पुरूष भाग ले सकेगें। यह दौड़ 11 सितंबर को प्रात: 11 बजे नगरपालिका से प्रारंभ होगी जो तीन बत्ती चौराहा,अजमेरी गेट,सदर बाजार,खिड़की गेट,सरसड़ी गेट,बस स्टेण्ड,पंचायत समिति के सामने से होते हुए पुन: नगरपालिका में आकर समाप्त होगी। कार्यक्रम के आयोजन के लिये शीघ्र ही कमेटियां गठित की जायेगी।

ज्ञान बिना जीवन अधूरा हैं
ज्ञान से विवेक,कणाय,हित-अहित के बारे में जाना जा सकता हैं। ज्ञान रूपी जल को विष रूपी घृणा से दूर करने के लिये श्रुतज्ञान के धारी उपाध्याय से ग्रहण करना चाहिए।व्यवहारिक एवं लौकिक शिक्षा ग्रहण करने के साथ ही जीवन के वास्तविक ज्ञान के लिये संस्कारित होना आवश्यक हैं।ये उद्गार आचार्य वैराग्य नंदी महाराज ने सापुन्दा रोड़ पर स्थित नेमीनाथ मंदिर में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। आचार्य ने कहा कि जिनके पास शास्त्रों का ज्ञान है। उनसे विनय पूर्वक शिक्षा लेनी चाहिए। जिस प्रकार पानी पीने के लिये प्याउ पर सिर झुकाकर अंजुली लेकर विनय से पानी ग्रहण किया जाता हैं उसी प्रकार श्रुत ज्ञान के धारी गुरू के पास पहुंच कर सविनय ज्ञानार्जन करना चाहिए। जो आत्मा के समीप पहुंच जाता हैं वही उपवास हैं।

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