पर्युषण पर्व सम्पन्न, मनाया क्षमावाणी पर्व

shamavaniparvअजमेर। पाष्र्वनाथ दिगम्बर जैसवाल जैन मंदिर में महापर्व पयूषर्ण के अवसर पर अपनी अमृतमयी वाणी से पूज्य आर्यिका सृष्टि भूषण माताजी ने कहा कि पंच इन्द्रिय एवं मन रूपी विषयों को अपने वश में करना और इनके प्रति ममत्व का त्याग करना उत्तम ब्रहमचर्य है ।
गुरूवार को दषलक्षण पर्व के आखरी दिन उत्तम क्षमा के पावन अवसर पर परम पूज्य आचार्य गुरूवर विमद सागर महाराज ने अपने मंगल प्रवचनों में कहा कि इंसान के जीवन में कई सुनहरे अवसर आते है पर हम उसको समझ नहीं पाते है यही कारण है कि वो अपना उद्वार नहीं कर पाता है । जिनके जीवन के लिए एक दिन के लिए क्षमावाणी आती है इसलिए वो सबके आगे हाथ जोड़ता है लेकिन जिनके जीवन में हर पल हर क्षण क्षमावाणी पर्व रहता है तो हर कोई उसके आगे हाथ जोड़ता है।

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