अजमेर। नगर निगम में शुक्रवार को आयोजित साधारण सभा हंगामें की भेट चढ गर्इ। भारी हंगामे के चलते सभा को बीच में ही आधा घंटे के लिए रोक दिया गया। इससे पूर्व खाध सुरक्षा बिल केा लेकर भाजपा और कांगे्रस के पार्षदो के बीच बहस हुर्इ । वहीं शहर में अवैध अतिक्रमोणो को तोडने की मांग पर काफी देर तक हंगामा होता रहा। निगम मैयर कमल बाकोलिया ने पार्षदो से सुझाव मांगे।
इस पर पार्षदो ने मैयर से पुछा कि अगर सभी पार्षद अवैध निर्माणो को धवस्थ करवाना चाहते है तो सभी अवैध निर्माण धवस्थ किए जाएंगे। इस बीच भाजपा पार्षदो ने विरोध के स्वर बुलंद कर दिए।
पार्षदो का आरोप था कि निगम के अधिकारी पार्षदो की नहीं सुनते। पार्षद विजय नागोरा ने कहा कि फुटपाथ पर रेहडी लगाने वालो को खाध सुरक्षा बिल का लाभ मिलना चाहिए।
पार्षद नरेश सत्यावना ने कहा कि नगर निगम मे खाध सुरक्षा बिल के लिए लगाया गया डब्बा हटाने से काफी लोगो को परेशानी उठानी पड रही है। फार्म जमा नहीं होने से पार्षदो को स्थानिय लोगो के आक्रेाश का सामना करना पड रहा है।
पाषर्द श्रवण टोनी ने आरोप लगाया कि निगम की अधिकरीयो की नजर में बडे बडे काम्पलेक्स के निर्माण क्यो नहीं आते और बार बार शिकायत करने पर भी उनके खिलाफ कार्यवाही क्यो नहीं होती। जब की अतिक्रमण के नाम पर छोटे अतिक्रमियो को ही निशाना बनाया जाता है।
पार्षद रशमी शर्मा ने बीड़ी श्रमिको को भी खाध सुरक्षा बिल का लाभ दिए जाने की मांग की।
पुष्कर नगर पालिका में हंगामें के बीच शुक्रवार को आयोजित साधारण सभा में रखे गए 6 महत्वपूर्ण प्रस्ताव 2 घंटे की अनावशक चर्चा के बाद ओंदे मुह गिर गए। इससे एक और जहां सरकार के खाध सुरक्षा बिल केा लागु करने का सपना पुरा नहीं हुआ वहीं दूसरी ओर आम लोगो को भी राहत नहंी मिल पार्इ। नजारा ऐसा था जो अपने आप में जनप्रतिनिधियों के चेहरो से नकाब उतार रहा था। जिम्मेदार जनप्रतिनिधियो ने अधिकांश समय आपसी बातचीत और हसी मजाक में बिगाड दिया। ऐजेंडे में शामिल प्रस्तावो पर चर्चा करने से पहले ही पक्ष और विपक्ष के पार्षदो ने बिगडी सफार्इ व्यवस्था पर हंगामा खडा कर दिया। बैठक की असफलता के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए निराश अधिशासी अधिकारी ने बताया।
यदि बिना सच जाने पार्षदो के इस रूख को देखा जाए तो हर कोर्इ उनकी पीठ थपथपाएगा लेकिन असली सच पर्दे के पीछे छिपा हुआ था। लोगो को यह समझ नहीं आ रहा था कि जिन पार्षदो ने पीछले 4 सालो में अपने वार्डो में देखा तक नही वह आज बदले बदले कसे नजर आ रहे है। इससे भी हेरानी की बात थी की पक्ष और विपक्ष ऐजेडें पर चर्चा ही नहीं चाहते थे। इसके पीछे क्या सियासी कारण है यह तो समय ही बताएगा लेकिन इतना तय है कि इस धटना क्रम के बाद पालिका अध्यक्ष और कांगे्रसी पार्षदो के बीच दुरी बढ सकती है। वहीं दुसरी ओैर भाजपा पार्षद भी सवालो के कटघरे में है। देखना होगा कि कांगे्रस और भाजपार्इ पार्षदो की यह नर्इ मैत्रि कितने दिनो तक चलेगी अैार क्या गुल खिलाएगी।