अजमेर। शुक्रवार को शरद पूर्णिमा देशभर में बडे ही श्रद्धाभाव से मनाई गई। इस अवसर पर परम्परा का निर्वाह करते हुए शाम को घरों और मंदिरों में खीर बनाकर चन्द्रमा की किरणों में रखी गई। मान्यता है कि इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणें शीतलता के साथ अमृत वर्षा भी करती हैं। यह खीर ओषधि के रूप में भी प्रयोग की जा सकती है। मंदिरों में भी शुक्रवार को खीर बनाकर रात को ठाकूरजी के भोग लगाया गया। शुक्रवार आधी रात के बाद से कई जगह खीर रूपी प्रसाद का वितरण किया गया। वहीं कई जगह शनिवार सुबह भी खीर का प्रसाद बांटा गया। दमा रोगियों के लिए कई स्थानों पर औषधियुक्त खीर का वितरण किया गया। शरद पुर्णिमा के अवसर पर व्रत कर दान पुण्य भी किया गया।
श्री सर्वेश्वर संकीर्तन मंडल के तत्वावधान में शुक्रवार रात शरद पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर “एक शाम महारास के नाम“ भजन संध्या का आयोजन किया गया इस मौके पर ठाकुर जी का नयनाभिराम श्रंृगार श्वेत वस्त्र में किया गया। मंडल के अशोक तोषनिवाल राधे-राधे और मंडल के सदस्यों ने बांके बिहारी और बृज गोपीयो के बीच हुऐ रास को अपने भजनो से चित्रित करते हुए मौजूद भक्तो को महारास के आनन्द का अनुभव करवाया। रात 12 बजे अमृतमयी किरणो के बीच अमृत बनी खीर का प्रसाद वितरित किया गया।
मदार गेट स्थित कस्तूरबा हाॅस्पीटल प्रागंण में गुजराती समाज के द्वारा शरद पूर्णिमा महोत्सव बडे उल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर गुजराती समाज की महिलाओं और युवतीयो ने गरबा डांडिया रास का आनन्द उठाया। रात 12 बजे भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना कर सभी को अमृत खीर का प्रसाद वितरित किया गया।
कचहरी रोड स्थित शर्मा आयुर्वेदिक स्टोर और कालेडा आयुर्वेदिक स्टोर पर रात को औषधियुक्त खीर का वितरण किया गया।
वही सोलथम्बा धर्मशाला में श्री परोपकारी औषधाल्य की ओर से शरद पूर्णिमा के अवसर पर स्वास, दमा, और अस्थमां रोगियो को रात 12 बजे के बाद खीर का वितरण किया गया।
केरिज कारखाना माता मंदिर पर महिला मण्डल द्वारा किये गये संगीतमय कीर्तन और भजनों की प्रस्तुति देकर श्याम सुन्दर की आराधना की आखिर में आरती कर खीर का प्रसाद वितरित किया गया।
वहीं स्वामी काॅम्पलेक्स में बने माता मंदिर पर सोमवार रात 12 बजे मां गौरी की महाआरती कर खीर का प्रसाद का वितरित किया गया।…………..