नकदी हस्तांतरण को कम करने के लिए वित्त मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर को बढ़ावा देने में जुटा है। इसी सिलसिले में मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कहा है कि वे एक लाख रुपये तक के फंड ट्रांसफर पर कोई शुल्क न लें। अभी तमाम बैंक नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) सिस्टम के जरिये एक खाते से दूसरे खाते में एक लाख रुपये तक भेजने पर प्रति हस्तांतरण पांच रुपये की फीस वसूलते हैं।
हाल ही में पीएसयू बैंकों के साथ बैठक में वित्त मंत्रालय ने कहा है कि एनईएफटी को शुल्क मुक्त करने की दिशा में वे कदम उठाएं। बैठक में कुछ बैंकों ने इस दिशा में कदम उठाने के जानकारी भी दी। रिजर्व बैंक ने एक लाख रुपये से दो लाख रुपये तक के धन हस्तांतरण पर अधिकतम 15 रुपये वसूलने की छूट बैंकों को दे रखी है। सरकार ने बैंकों से इलेक्ट्रानिक भुगतान प्रणाली को प्रोत्साहित करने को कहा है ताकि चेक और हस्तांतरण के दूसरे महंगे विकल्पों में कमी लाई जा सके। वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा है कि सभी बैंक अपनी 20 फीसद चुनिंदा शाखाओं में चेक से हस्तांतरण को घटाकर 20 फीसद पर लाएं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि वे चुनिंदा भुगतान को छोड़कर सभी तरह के भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ही करें।