केंद्र सरकार ने चीनी उद्योग को नियंत्रण मुक्त करने संबंधी रंगराजन समिति की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह ने इसका श्रेय पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह के नेतृत्व में नई दिल्ली में हुई गन्ना किसानों की रैली को देते हुए रंगराजन समिति की सिफारिशों को पूरी तरह वापस लेने की मांग की। वैसे खुद जनरल इस संबंध में मीडिया को संबोधित करने वाले थे, लेकिन अंतिम समय में तबियत खराब होने की वजह वे नहीं आ पाए।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव टी जैकब के चार दिसंबर के पत्र हवाला देते हुए वीएम सिंह ने कहा इस रिपोर्ट को लागू करने के लिए राज्यों की सहमति की शर्त जोड़कर केंद्र ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है। वीके सिंह को लिखे पत्र में जैकब ने साफ कर दिया है कि गन्ना की कीमत और रकबा तय करने का अधिकार राज्य सरकारों के पास है। रंगराजन समिति की सिफारिशों पर उनसे राय मांगी गई है। वीएम सिंह ने दावा किया कि कोई भी राज्य सरकार इस समिति की सिफारिशों के समर्थन का जोखिम नहीं ले सकती है।