हरियाणा में बिजली संकट के चलते फैक्ट्रियां बंद

हरियाणा में बिजली का गंभीर संकट हो गया है। बिजली निगमों ने एक मेगावाट लोड से ज्यादा क्षमता वाली फैक्ट्रियां तीन दिन के लिए बंद कर दी हैं। कृषि क्षेत्र में बिजली की आवश्यकता को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। बिजली विभाग अतिरिक्त मुख्य सचिव अजीत एम. शरण ने बताया कि कृषि क्षेत्र को बिजली देना जरूरी है, इसलिए एक मेगावाट से ज्यादा लोड वाली फैक्ट्रियों को बिजली सप्लाई बंद की जा सकती है। निगमों ने ग्रामीण घरेलू सप्लाई का समय 10 घंटे तय कर रखा है, लेकिन गांवों को सप्लाई मात्र आठ घंटे ही दी जा रही है।

इसी तरह इंडस्ट्री को सप्लाई 18 घंटे देने का शेड्यूल है, लेकिन सप्लाई 10 घंटे की हो रही है। गुरुवार को एक मेगावाट या ज्यादा लोड वाली फैक्ट्रियों को अगले तीन दिन के लिए बिजली सप्लाई बंद कर दी है। ये फैक्ट्रियां अपने संसाधनों से बिजली का प्रबंध करेंगी। शहरों में बिजली देने का शेड्यूल तो 20 घंटे का है, लेकिन सप्लाई 15 घंटे ही दी जा रही है। इसी तरह कृषि नलकूपों को बिजली का शेड्यूल आठ घंटे का है, लेकिन सप्लाई सिर्फ साढ़े छह घंटे तक ही की जा रही है।

हरियाणा का अपने थर्मल प्लांटों से बिजली उत्पादन बहुत कम हो रहा है। पिछले कई दिनों से पानीपत को छोड़ अन्य पावर प्लांट बंद पड़े हैं। गुरुवार को को हरियाणा का अपना उत्पादन 1496 मेगावाट था। खेदड़ प्लांट की यूनिट नंबर दो आधे लोड पर चल रही है, जबकि यूनिट नंबर एक बंद है। यमुनानगर के दोनों यूनिट बंद हैं। झज्जर स्थित महात्मा गांधी थर्मल पावर प्लांट के भी दोनों यूनिट कई दिनों से बंद हैं। हरियाणा ने गुरुवारी को उत्तरी ग्रिड से 150 लाख यूनिट अतिरिक्त बिजली ली। यह बिजली लगभग साढ़े छह रुपये प्रति यूनिट की दर से मिली।

यह है मांग और उपलब्ध बिजली
फिलहाल हरियाणा में 7200 मेगावाट बिजली की मांग है, लेकिन गुरुवार को बिजली सप्‍लाई 5100 से 5300 मेगावाट तक रही। पीक ऑवर के दौरान यह सप्लाई घटकर 4778 मेगावाट रह गई थी। गुरुवार को 100 मेगावाट बिजली खरीदी गई है। यह बिजली 28 जुलाई से मिलनी शुरू होगी। हरियाणा में एक मेगावाट से ज्यादा लोड वाली 400 से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं। इनके बंद होने से करीब 500 मेगावाट बिजली बच जाएगी। जिससे काफी राहत मिलेगी।

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