गोदामों में ही सड़ गया 1 लाख क्विंटल गेहूं

wheatइंद्री (करनाल)/खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है। विभाग का करीब दो लाख बोरी गेहूं गोदामों में बुरी तरह से सड़ गया है। यह अनाज करीब चार साल से गोदामों में बंद पड़ा था। उचित रखरखाव के अभाव में गेहूं गोदामों में ही सड़ गया। अब इस सड़े हुए गेहूं को लोगों को खिलाया जा रहा है।

हालांकि विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि इसमें से सही गेहूं को अलग करके लोगों को दिया जा रहा है। बारिश के मौसम में भी गेहूं पर छत से पानी टपकता रहा और नमी की वजह से उसमें दुर्गंध पैदा हो गई। इतना ही नहीं चार साल से इस गेहूं पर कभी दवा का लेप भी नहीं किया गया। अब यह अनाज खाने लायक नहीं रहा है। गेहूं की हालत इतनी खराब है कि आदमी तो क्या जानवर भी इसे मुंह न लगाएं।

अधिकारियों के हाथ-पांव फूले
एफसीआई ने इस गेहूं को लेने से मना कर दिया है। इसे लेकर अधिकारियों के हाथ-पांव फूल रहे हैं। वे इस गेहूं को खुर्द-बुर्द करने में जुट गए हैं। पूरे जिले के डिपो होल्डरों को इस गेहूं की सप्लाई की जा रही है। अधिकतर डिपो होल्डर भी दबी जुबान में इस गेहूं का विरोध कर रहे हैं, लेकिन ये लोग खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। लोग इस गेहूं के खराब होने का कारण अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही मान रहे हैं।

अपग्रेड किया जा रहा गेहूं
जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक रविंद्र मलिक ने बताया कि इस गेहूं को अपग्र्रेड कर (बोरी में से साफ बचा हुआ गेंहू निकाल कर) भेजा जा रहा है। अधिकतर गेहूं डिस्पेच किया जा चुका है। जो गेहूं बिल्कुल खराब है उसका आंकलन किया जाएगा। गेहूं� चार साल से गोदामों में लगा हुआ है। खुले आसमान के नीचे भंडारण होने के कारण यह गेहूं खराब हुआ है। इस गेहूं के प्राइवेट आरओ भी काटे जा रहे हैं जो फ्लोर मिल को भी बेचा जा रहा है। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है।

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