अल्टीमेटम से झुका साइप्रस, यूरो जोन से किया समझौता

bussnusब्रसेल्स। साइप्रस और यूरो जोन [यूरो मुद्रा वाले देश] में तनातनी के बाद आखिरकार 10 अरब यूरो के बेलआउट पैकेज पर समझौता हो गया है। इससे पहले साइप्रस की संसद ने भारी बहुमत से उस शर्त को ठुकरा दिया था, जो पैकेज के बदले में थोपी गई थी। इसके बाद यूरोपीय संघ [ईयू] ने साइप्रस को अल्टीमेटम दिया था कि वह सशर्त बेलआउट पैकेज स्वीकार करे या फिर यूरो जोन से बाहर होने को तैयार रहे। अल्टीमेटम के तहत उसे सोमवार तक फैसला करने का समय दिया गया था। यूरो जोन के वित्त मंत्रियों की सोमवार को ब्रसेल्स में हुई आपात बैठक में इस समझौते को मंजूरी दी गई। इसके तहत साइप्रस के बैंकिंग क्षेत्र के आकार में कमी लाने और यहां के दूसरे सबसे बड़े बैंक साइप्रस पापुलर बैंक जो लाइकी के नाम से लोकप्रिय है को धीरे-धीरे खत्म करने पर सहमति बनी। यूरोपीय संघ की प्रमुख मांग की थी कि साइप्रस के बैंकों का वित्तीय पुनर्गठन किया जाए। इसके अलावा बैंकिंग क्षेत्र का आकार अर्थव्यवस्था के हिसाब से बनाया जाए।

साइप्रस टैक्स चोरों और कालेधन का सुरक्षित पनाहगाह बन चुका है। ईयू के देश इससे चिंतित हैं। यूरोपीय आयोग के कमिश्नर माइकल बार्नियर ने बताया कि साइप्रस कुछ दिनों के लिए नकदी गतिविधियों पर नियंत्रण लगा सकता है। संकट के चलते साइप्रस के बैंक एक हफ्ते से बंद हैं। उनके खुलने के बाद भी कुछ दिन तक नकदी निकालने पर रोक लगी रह सकती है। उन्होंने कहा कि वित्तीय स्थिरता के लिए यह बेहद जरूरी है। यूरो जोन के प्रेसीडेंट जेरोन जिसेलब्लूम ने नौ घंटे तक चली बैठक के बाद बताया कि लाइकी बैंक को खत्म करने का निर्णय सबसे अहम है। इस बैंक की स्थिति सबसे खराब है। इसे बचाया नहीं जा सकता। लाइकी की संपत्तियों को अच्छी और बुरी की श्रेणी में बांट दिया जाएगा। अच्छी संपत्तियों को बैंक ऑफ साइप्रस को दिया जाएगा। वहीं, बुरी संपत्तियों को धीरे-धीरे खत्म कर दिया जाएगा।

एक लाख यूरो से ज्यादा के जमा को बैंक ऑफ साइप्रस को दिया जाएगा। इस पर टैक्स लगाया जाएगा। कितना टैक्स लगाया जाए इस पर फैसला बाद में लिया जाएगा। जेरोन ने कहा कि हमें एक ठोस बैंक बनाना है। इस समझौते के लिए साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस एनस्टेसिएड्स [फोटो], यूरोपीय आयोग, आइएमएफ और यूरोपीय सेंट्रल बैंक के बीच लंबी वार्ता चली। जेरोन ने कहा कि बैंक ऑफ साइप्रस को मजबूत कर देश के बैंकिंग सेक्टर को बचाया जा सकता है। इससे समस्या की जड़ को उखाड़ा जा सकेगा। इससे पहले साइप्रस की संसद ने 5.8 अरब यूरो जुटाने के लिए खातों पर टैक्स लगाने की शर्त को ठुकरा दिया था। इसके बाद संघ ने चेतावनी दी थी कि पैकेज स्वीकार नहीं करने पर साइप्रस का वित्तीय तंत्र ढह जाएगा और उसे यूरो जोन से बाहर होना पड़ेगा। वहीं, यूरोपीय सेंट्रल बैंक [ईसीबी] ने धमकी दी थी कि सोमवार तक पैकेज मंजूर नहीं होने पर वह साइप्रस के बैंकों को नकदी उपलब्ध कराना बंद कर देगा। राहत पैकेज की घोषणा करते समय यूरोपीय संघ ने साइप्रस सरकार से यह वादा करा लिया था कि वह बैंक खातों में जमा राशियों पर एकबारगी एकमुश्त शुल्क लगाएगी।

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