रेलवे ने घटाए कंटेनर ट्रेनों के हॉलेज चार्ज

business-railways-reduce-haulage-charges-in-container-trafficनई दिल्ली। सुस्ती से जूझ रही अर्थव्यवस्था में कंटेनर यातायात में गिरावट के मद्देनजर रेलवे ने कंटेनरों ट्रेनों के हॉलेज चार्ज में पांच से 13 फीसद तक की कमी का फैसला किया है। यह कटौती पहली अप्रैल से लागू होगी।

दस से बीस टन क्षमता वाले भरे कंटेनरों पर हॉलेज चार्ज में पांच फीसद की कमी की गई है। जबकि इसी क्षमता के खाली कंटेनरों का शुल्क 13 फीसद तक घटाया गया है। कृषि एवं खाद्य मंत्रालय द्वारा कंटेनरों से ढोए जाने वाले फल-सब्जियों के हॉलेज शुल्क में 25 फीसद की छूट पहले ही दी जा चुकी है। 15 मार्च, 2013 से लागू यह छूट मार्च 2014 तक लागू रहेगी।

हॉलेज शुल्क में कमी का निर्णय कंटेनर ट्रेन ऑपरेटरों के साथ बैठक के बाद लिया गया। ऑपरेटरों ने मौजूदा हॉलेज शुल्कों को गैर प्रतिस्प‌र्द्धी बताया और इसमें कमी की मांग की। उन्होंने यह भी शिकायत की कि अधिक हॉलेज शुल्क के कारण निर्यातकों की लागत बढ़ रही है। इससे वे विदेशी बाजारों में प्रतिस्पद्र्धा नहीं कर पा रहे। इस कारण निर्यात में भी अपेक्षित वृद्धि नहीं हो पा रही है।

क्या है हॉलेज चार्ज

कंटेनर ट्रेन चलाने वाली कंपनियों को रेलवे अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर के उपयोग की सुविधा देता है। इसके बदले में वह उनसे फीस वसूलता है। इसे ही हॉलेज चार्ज कहा जाता है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कॉनकॉर सबसे बड़ी कंटेनर ट्रेन ऑपरेटर है। इसके अलावा कई निजी कंपनियां भी कंट्रेनर ट्रेनें चलाती हैं। इनमें ज्यादातर निर्यात योग्य और आयातित सामानों की ढुलाई होती है।

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