मौद्रिक नीति पर रहेगी नजर

monetary-policyइस हफ्ते बाजार का पूरा ध्यान शुक्रवार को घोषित होने वाली रिजर्व बैंक की सालान मौद्रिक नीति पर रहेगा। जानकारों की मानें तो आरबीआइ मुख्य नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है। वैसे, यह कटौती के एक चौथाई से आधा फीसद रहने के आसार हैं। ब्याज दरों में कटौती की आहट से बाजार में भी अच्छी बढ़त दिखाई दी। बांड यील्ड में गिरावट भी दरों में कटौती के संकेत दे रही है।

बीते हफ्ते पर नजर डालें तो लगातार तीन दिन की बढ़त के बाद शुक्रवार को बाजार पर मुनाफावसूली हावी रही। पूरे हफ्ते में सेंसेक्स और निफ्टी में डेढ़ फीसद की तेजी दर्ज की गई। पिछले तीन हफ्तों में दोनों प्रमुख सूचकांक साढ़े छह फीसद तक चढ़े हैं। बीते शुक्रवार को एनएसई का निफ्टी 5871 पर बंद हुआ। इस हफ्ते निफ्टी के 5800 और 5950 के बीच रहने की संभावना है।

निवेश की रणनीति:

अगर आपने लंबी अवधि के लिए निवेश किया है तो लार्ज कैप कंपनियों खासकर बैंकिंग और फार्मा सेक्टर में निवेश बनाए रखें। अगर आपका शेयर आपको अच्छा रिटर्न दे रहा है तो कुछ बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं। डावांडोल राजनीतिक माहौल और विदेशी निवेशकों के दूसरे बाजारों की तरफ मुड़ने के चलते आने वाले हफ्तों में बाजार में गिरावट आ सकती है। आप पहली बार निवेश करने जा रहे हैं तो गिरावट का इंतजार करिए। निवेशकों को ऐसे शेयरों को देखना चाहिए जिनमें और गिरावट आ सकती है।

ऐसे में इंफोसिस, टीसीएस, भेल और एलआइसी हाउसिंग फाइनेंस अच्छा दांव हो सकते हैं। कुछ कंपनियों के तिमाही नतीजे आने बाकी हैं। बाजार की नजर हिंदुस्तान यूनीलीवर, भारती एयरटेल के नतीजों पर रहेगी। यूनीलीवर में ज्यादा संभावना नहीं है, लेकिन भारती के नतीजे अच्छे रहने पर शेयर में खरीदारी देखी जा सकती है।

बाजार को चौंकाते हुए चौथी तिमाही में मारुति ने शानदार नतीजे दिए। अरटिगा की बेहतर बिक्री के चलते मारुति का मुनाफा 80 प्रतिशत तक बढ़ा। मारुति का शेयर 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर पर ट्रेडिंग कर रहा है। इसके बावजूद ऑटो कंपनियों में मारुति फायदे का सौदा हैं। वैसे, निवेशकों को शेयर में थोड़ी गिरावट के बाद इसे खरीदने का टार्गेट रखना चाहिए।

देश की सबसे बड़ी टू व्हीलर कंपनी हीरो मोटो कॉर्प के घाटे में कुछ कमी आई है। लेकिन टू व्हीलर्स की कमजोर बिक्री देखते हुए इस शेयर से दूर रहने में ही भलाई है। तेल कंपनी केयर्न का मुनाफा घटा है लेकिन फिर का कंपनी का आउटलुक पॉजिटिव है। शेयर मध्यम अवधि के लिए खरीदा जा सकता है।

बैकिंग स्टॉक:

ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के चलते बैंकिंग शेयर मुनाफे का सौदा हैं। भारतीय शेयर बाजार में बैंकिंग सेक्टर का आउटलुक बेहतर लग रहा है। ऐसे में लंबी अवधि के लिए बैंकिंग शेयरों में खरीदारी की जा सकती है।

प्राइवेट बैंक: सेक्टर के तीन बड़े बैंकों- आइसीआइसीआइ, एक्सिस और एचडीएफसी बैंक के नतीजे शानदार रहे। बैकिंग सेक्टर में इन तीनों बैंकों पर दांव लगाया जा सकता है। हाल के दिनों में इनके शेयरों में तेज बढ़त देखी गई है। ऐसे में अगर आपके पास ये शेयर मौजूद हैं तो उन्हें अभी नहीं बेचें। अगर आप शेयर खरीदने चाहते हैं तो थोड़ी गिरावट का इतंजार करें। लंबी और मध्यम दोनों अवधि के लिए इन शेयरों में निवेश फायदेमंद है। दूसरे प्राइवेट बैंक में इंडसइंड और फैडरल बैंक में इन स्तरों पर खरीदारी की जा सकती है। हाल के दिनों में अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए अगले एक साल में इन शेयरों पर 15 से 20 फीसद का रिटर्न मिल सकता है। लेकिन एक साथ बहुत ज्यादा शेयर खरीदने के बजाय थोड़े अंतराल पर कम शेयर खरीदने की रणनीति बनाएं।

पब्लिक सेक्टर बैंक: प्राइवेट बैंकों की तुलना में सरकारी क्षेत्र के बैंकों के साथ बुनियादी दिक्कतें हैं। सरकार के लगातार दखल और बढ़ते एनपीए ने बैंकों के आउटलुक को कमजोर किया है। इसके बावजूद भारतीय स्टेट बैंक में खरीदारी की जा सकती है। दूसरे बड़े पीएसयू बैंक में पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में निवेश किया जा सकता है। छोटे बैंकों में बैंक ऑफ इंडिया और आंध्रा बैंक अच्छा विकल्प हो सकते हैं।

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